मंदिर निर्माण का मुहूर्त तय करने ट्रस्टी दिल्ली रवाना, महंत नृत्यगोपालदास भी बैठक में लेंगे ह‍िस्‍सा

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी बिमलेंद्रमोहन मिश्र महंत दिनेंद्रदास एवं डॉ. अनिल मिश्र मणिरामदास जी की छावनी के महंत नृत्यगोपालदास।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 06:39 PM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 07:44 AM (IST)
मंदिर निर्माण का मुहूर्त तय करने ट्रस्टी दिल्ली रवाना, महंत नृत्यगोपालदास भी बैठक में लेंगे ह‍िस्‍सा
मंदिर निर्माण का मुहूर्त तय करने ट्रस्टी दिल्ली रवाना, महंत नृत्यगोपालदास भी बैठक में लेंगे ह‍िस्‍सा

अयोध्या, (रमाशरण अवस्थी)। मंदिर निर्माण के लिए गठित श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बुधवार को होने वाली पहली बैठक के साथ ही मंदिर निर्माण की पांच सदी पुरानी साध साकार होने के बिल्कुल करीब पहुंच जाएगी। इसके लिए ट्रस्ट के नामित सदस्य निर्माण का मुहूर्त और समय सीमा तय करने के लिए मंगलवार को दिल्ली रवाना हो गए। खासतौर से आमंत्रित महंत नृत्यगोपालदास का उत्साह देखते ही बना। वे मध्याह्न अपनी इनोवा गाड़ी से विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा और निजी सहायकों, एक अन्य वाहन में सवार सुरक्षाकर्मियों के साथ दिल्ली निकल गए।

तीर्थ क्षेत्र के स्थानीय ट्रस्टियों में अयोध्या राजपरिवार के मुखिया बिमलेंद्रमोहन मिश्र, निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्रदास एवं प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ. अनिल मिश्र शामिल हैं। यह तीनों सदस्य अपनी व्यस्तता के बीच अलग-अलग दिल्ली रवाना हुए हैैं। महंत दिनेंद्रदास मंगलवार को सुबह सात बजे ही अखाड़ा से दिल्ली के लिए रवाना हुए, जबकि राजपरिवार के मुखिया अपराह्न राजसदन से दिल्ली के लिए निकले। डॉ. अनिल मिश्र भी अपराह्न लक्ष्मणपुरी कॉलोनी स्थित अपने आवास से दिल्ली रवाना हुए। हालांकि, महंत नृत्यगोपालदास सहित किसी ने बैठक में प्रस्तावित विमर्श के बारे में कोई बात नहीं की। माना जा रहा है कि बैठक में मंदिर शिलान्यास की तिथि और प्रस्तावित मॉडल पर मंथन होगा। साथ ही ट्रस्ट के रिक्त स्थानों पर सदस्यों का चयन संभावित है।

महंत नृत्यगोपालदास को लेकर उत्सुकता चरम पर

ट्रस्ट में महंत नृत्यगोपालदास की क्या भूमिका होगी, इसे लेकर उत्सुकता बनी हुई है। महंत नृत्यगोपालदास मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट में शामिल होने के सर्वाधिक स्वाभाविक दावेदार थे, पर पांच फरवरी को ट्रस्ट की पहली सूची में आश्चर्यजनक रूप से उनका नाम शामिल नहीं किया गया। इसे लेकर संतों में असंतोष भी उभरा। अब पहली बैठक में उन्हें मिला आमंत्रण इस कयास को बल देने वाला है कि वे ट्रस्ट में समायोजित होंगे। 1949 में रामलला के प्राकट््य प्रसंग में अहम भूमिका निभाने वाले तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट गुरुदत्त ङ्क्षसह के पौत्र एवं मंदिर आंदोलन के सहयोगी शक्ति ङ्क्षसह के अनुसार, बैठक के लिए महंत नृत्यगोपालदास को आमंत्रित किया जाना स्वयं में ही बड़ा संदेश है।

ट्रस्ट में तय होंगे पांच नाम

15 सदस्यीय ट्रस्ट में पांच नाम तय होना बाकी है। बुधवार की बैठक में इन नामों पर भी मुहर लगेगी। ट्रस्ट में क्रमांक एक से आठ और 11 के सदस्य पांच नवंबर को ही नामित हो गए थे। क्रमांक 14 के सदस्य के तौर पर अयोध्या के पदेन डीएम का नाम तय माना जा रहा है। क्रमांक नौ, 10 एवं 15 के सदस्यों का चुनाव भी इस दौरान होगा। यह चुनाव पहले से ही नामित क्रमांक एक से आठ के सदस्य करेंगे। क्रमांक 12 पर केंद्र का प्रतिनिधि प्रशासनिक अधिकारी एवं क्रमांक 13 पर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधि प्रशासनिक अधिकारी नामित किया जाएगा।

रामजन्मोत्सव अथवा अक्षय तृतीया को शिलान्यास संभावित

मंदिर निर्माण के शिलान्यास को लेकर सर्वाधिक उचित समय दो अप्रैल मानी जा रही है, जो रामजन्मोत्सव की तिथि है। सर्वस्वीकृत धारणा है कि राममंदिर का निर्माण जोग-लगन-ग्रह-वार-तिथि की अनुकूलता का पर्याय राम जन्मोत्सव के मौके पर शुरू हो। हालांकि, कुछ व्यावहारिक अड़चन भी है। रामनगरी में रामजन्मोत्सव के अवसर पर प्रत्येक वर्ष लाखों लोग जुटते हैं। राममंदिर का शिलान्यास होने की सूरत में यह संख्या कई गुना बढ़ सकती है, जिसे संभालना प्रशासन के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होगा। शिलान्यास के लिए दूसरा शुभ मुहूर्त 26 अप्रैल को पड़ रही अक्षय तृतीया संभावित है।

मंदिर के लिए फंड जुटाना अहम

ट्रस्ट की बैठक में मंदिर निर्माण के लिए फंड जुटाने की योजना पर विमर्श भी अहम होगा। प्रस्तावित मंदिर को लेकर जिस भव्यता-दिव्यता की कामना की जा रही है, उसे साकार करने में हजारों करोड़ का प्रबंध करना होगा। सरकार की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि मंदिर निर्माण में शासकीय धन व्यय नहीं होगा।

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