Mahant Nritya Gopal Das: बचाव के प्रति सीख है महंत नृत्यगोपालदास का कोरोनाग्रस्त होना
महंत नृत्यगोपालदास हुए कोरोनाग्रस्त पांच अगस्त को भूमि पूजन में प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा करने वाले ट्रस्ट अध्यक्ष मंगलवार को ही कृष्ण जन्मभूमि के लिए निकले थे।
अयोध्या [रमाशरण अवस्थी]। रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण शुरू होने की अहम बेला में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास का कोरोनाग्रस्त होना कोरोना से बचाव के अभियान में किसी सीख से कम नहीं है। महंत नृत्यगोपालदास प्राय: मास्क लगाने से परहेज करते थे, जबकि कई बार भक्त उनके बहुत करीब तक पहुंच जाया करते थे। सामाजिक उत्तरदायित्वों के चलते 82 वर्षीय नृत्यगोपालदास प्राय: सार्वजनिक समारोहों की शान बनते हैं।
रामनगरी के मंदिरों में होने वाले भोज-भंडारे में भी उन्हें अनिवार्य रूप से बुलाया जाता है। कोरोना संकट के बीच भी वे अपने इस दायित्व का पालन करते रहे। भूमि पूजन की सरगर्मी के बीच उन तक भक्तों के पहुंचने का क्रम तीव्र हो गया था। कोई उनका आशीर्वाद लेने के लिए ललक रहा होता था, तो कोई राममंदिर निर्माण के लिए चांदी की ईंट या अन्य भेंट उनके हाथ में पकड़ा कर स्वयं को कृतकृत्य करने की जुगत में लगा रहा होता था। इसके बावजूद उन तक पहुंचने वाले लोगों की स्क्रीनिंग का समुचित प्रबंध नहीं था। इस बीच उनसे भेंट करने वालों में प्रदेश सरकार के कई मंत्री, विधायक भी रहे हैं। परंपरा के अनुरूप थोक के भाव में उनका पांव छूते रहे।
गत तीन अगस्त को रक्षाबंधन के अवसर पर उन्होंने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के बैनर तले गयीं मुस्लिम बहनों से रक्षा सूत्र भी बंधवाया। पांच अगस्त को उन्होंने भूमिपूजन के दौरान प्रधानमंत्री के साथ मंच भी साझा किया। यद्यपि इससे पूर्व उन्होंने उस घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर भी किया, जिसमें उन्हें पूर्ण स्वस्थ बताया गया था। ...तो इसी मंगलवार को वे प्रतिवर्ष की तरह कृष्ण जन्मोत्सव मनाने के लिए मथुरा की कृष्ण जन्मभूमि के लिए रवाना हुए थे। मथुरा में उन्होंने पुराना स्टेशन रोड स्थित स्वयं के ही आश्रम रामजानकी मंदिर पर डेरा डाला और अगले दिन कृष्ण जन्मभूमि के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। बड़ी संख्या में भक्तों के बीच वे कृष्ण जन्मोत्सव के पूर्व की रस्म निष्पादित कर रहे थे, जब उनका स्वास्थ्य बिगड़ा। महंत नृत्यगोपालदास के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए अयोध्या में कई जगह अनुष्ठान किए जा रहे हैं।