उज्जैन के महाकाल के भस्म से लखनऊ में होगी महाआरती, कोरोना मुक्त भारत की कामना करेंगे श्रद्धालु

उज्जैन में स्थापित महाकाल से आई भस्म से लखनऊ में स्थापित महाकाल मंदिर में महाआरती होगी। राजेंद्र नगर-द्वितीय मार्ग स्थित महाकाल मंदिर में 29 नवंबर को भोर में चार बजे होने वाली आरती को लेकर इस बार महिलाओं ने खास तैयारियां की हैं।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 10:10 AM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 10:10 AM (IST)
उज्जैन के महाकाल के भस्म से लखनऊ में होगी महाआरती, कोरोना मुक्त भारत की कामना करेंगे श्रद्धालु
भस्म आरती के दर्शन के लिए लखनऊ नहीं आसपास के जिलों से भी श्रद्धालु शामिल होंगे।

लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। उज्जैन में स्थापित महाकाल से आई भस्म से लखनऊ में स्थापित महाकाल मंदिर में महाआरती होगी। राजेंद्र नगर-द्वितीय मार्ग स्थित महाकाल मंदिर में 29 नवंबर को भोर में चार बजे होने वाली आरती को लेकर इस बार महिलाओं ने खास तैयारियां की हैं। कोरोना मुक्त भारत की कामना को लेकर महिलाएं घर दीपक लाकर महाकाल की आरती में शामिल होंगी। भोर में भस्म आरती और शाम को श्रृंगार महाकाल मंदिर उज्जैन की तर्ज पर हाेगा है। भस्म आरती के दर्शन के लिए लखनऊ नहीं आसपास के जिलों से भी श्रद्धालु शामिल होंगे। संयाेजक अतुल मिश्रा ने बतया कि पहले केवल श्रावण मास के सोमवार को आरती होती थी। कई श्रद्धालु आरती में शामिल नहीं हो पाते थे।

साधारण श्रद्धालु उज्जैन जाकर महाकाल की आरती में शामिल नहीं हो सकता। इसी के चलते अब हर महीने के अंतिम सोमवार को महाकाल की आरती करने का निर्णय लिया गया। सैकड़ों वर्ष पुराने महाकाल मंदिर का 2007 में जीर्णोद्धार हुआ और उसी समय भूगर्भ जल संचयन की मुहिम के की शुरुआत भी हुई थी। मंदिर में महाकाल के सामने नंदी जी महाराज की स्थापना भी हाल ही में की गई। महाकाल का श्रृंगार में भगवान के सभी स्वरूप को दिखाने का प्रयास किया जाता है। कोई धार्मिक आयोजन महाकाल के श्रृंगार के बगैर अधूरा रहता है। महाकाल का हर स्वरूप श्रद्धालुओं के अंदर एक नई ऊर्जा के साथ आस्था का संचार करता है। सामाजिक सरोकारों से आम लोगों को जोड़ने के लिए मंदिर समिति की ओर से विशेष अभियान भी चलाया जाता है। 

सामाजिक सरोकारों का ध्यानः महाकाल मंदिर में श्रद्धा और भक्ति के साथ ही सामाजिक सरोकारों का भी ध्यान रखा जाता है। हर साल गरीब कन्याओं का विवाह व संस्कार का इंतजाम मंदिर प्रशासन करता है। मंदिर में स्थापित गोलक में आने वाले दान से गरीब कन्याओं का विवाह कराया जाता है।

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