धार्म‍िक पर्यटन के नक्‍शे पर भी उभरेगा लखनऊ, लक्ष्मणनगरी में तैयार हो रहा हनुमत धाम; देख‍िए खूबसूरत तस्‍वीरें

देवरहा घाट पर रामानंद आश्रम स्थित हनुमान मंदिर का जीर्णोद्धार। काशी की मिट्टी से बनीं खास ईटों से हो रहा निर्माण। मंदिर के महंत रामसेवक दास ने बताया कि करीब 400 वर्ष पुराने इस आश्रम में हनुमान जी के ऐतिहासिक मंदिर के साथ ही दो प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 06:00 AM (IST) Updated:Sat, 07 Aug 2021 03:56 PM (IST)
धार्म‍िक पर्यटन के नक्‍शे पर भी उभरेगा लखनऊ, लक्ष्मणनगरी में तैयार हो रहा हनुमत धाम; देख‍िए खूबसूरत तस्‍वीरें
तहजीब के शहर में बनारस की खुशबू का होगा एहसास, पर्यटन का नया स्थान होगा धाम।

लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। ऐतिहासिक इमारतों के लिए प्रसिद्ध लक्ष्मणनगरी में अब धार्मिक पर्यटन की ओर अग्रसर है। तहजीब के शहर-ए-लखनऊ में हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक अलीगंज का हनुमान मंदिर है तो चौक में अली और बजरंग बली का अखाड़ा खास है। मनकामेश्वर उपवन घाट पर वाराणसी की तर्ज पर आरती हो रही है तो देवरहा घाट पर हनुमत वाटिका और हनुमत धाम धार्मिक पर्यटन का नया स्थल बन रहा है। सवा लाख हनुमान के प्रतीकों के साथ हनुमत वाटिका बरबस पर्यटकों को अपनी ओर खींचेगी। लक्ष्मण नगरी में देवरहा घाट के पास श्रीराम भक्त हनुमान मंदिर के जीर्णोद्धार में बनारस की काली मिट्टी से बनी खास ईंटों का प्रयोग किया जा रहा है। राजधानी में अपनी तरह के इस इकलौते नव निर्मित मंदिर का जीर्णोद्धार पिछले सात वर्षों से हो रहा है। जीर्णोद्धार के बाद मंदिर हनुमत धाम के नाम से जाना जाएगा।

मंदिर के महंत रामसेवक दास ने बताया कि करीब 400 वर्ष पुराने इस आश्रम में हनुमान जी के ऐतिहासिक मंदिर के साथ ही दो प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी। आदि गंगा गोमती के किनारे बनने वाले इस नए पर्यटन स्थल पर हनुमत वाटिका जहां भक्ति का एहसास कराएगी तो मंदिर परिसर में स्थापित सवा लाख हनुमान जी के प्रतीक श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचेंगे।

ठंड का एहसास कराएगी खास ईंट : काली मिट्टी से बनीं ईटों में छेंद बना हुआ है जो मंदिर की गर्मी को बाहर के साथ ही बाहर की ठंडी हवा मंदिर में लाने का काम करेगी। इन ईंटों से बनने वाली दीवार पर प्लास्टर नहीं होगा। बारिश के मौसम में हल्की सी बारिश मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को सोंधी मिट्टी की खुशबू का एहसास होगा।

151 फीट के भजन मुद्रा में दिखेंगे हनुमान : भूतल पर पुराने हनुमान जी का मंदिर रहेगा जहां श्रद्धालु बजरंगबली को सिंदूर अर्पित करेंगे तो प्रथम तल पर हनुमान जी आशीर्वाद मुद्रा में नजर आएंगे। प्रथम तल से गोमती नदी के किनारे जाने के लिए सीढिय़ां बनाने का कार्य पूरा हो गया है। भूतल से 151 फीट ऊंची हनुमान की प्रतिमा 30 टन की है। राजधानी में अपनी तरह के इस इकलौती प्रतिमा गोमती के किनारे नजर आएगी।

संगमरमर की खास पेंटिंग : एक ओर जहां मंदिर का गुंबद गदे के आकार का बन रहा है तो दूसरी ओर मंदिर की दीवारों पर हनुमान जी की मुद्राओं को संगमरमर की खास पेंटिंग्स के माध्यम से दिखाने का प्रयास किया गया है। मंदिर में हर ओर पवनपुत्र हनुमान की प्रतिमाएं श्रद्धालुओं को अपनी ओर खीचेंगी। मंदिर परिसर में सत्संग हाल के साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा की सहूलियत के लिए एसी भी लगाए जाएंगे।

हनुमत वाटिका में होगी कथा : मंदिर परिसर में बनी हनुमत वाटिका में सीढिय़ां बनी हैं जहां श्रद्धालु बैठकर शांति का एहसास कर सकता है। आदि गंगा गोमती के किनारे पानी के बीच बने व्यासपीठ पर कथाचार्य कथा का गुणगान करेंगे और हनुमत धाम में विराजमान हनुमान कथाचार्य के सामने होंगे।

बड़े मंगल पर होगी शुरुआत : हनुमत धाम मंदिर के महंत रामसेवक दास ने बताया कि अगले साल ज्येष्ठ के बड़े मंगल पर मंदिर श्रद्धालुओं के लिए हनुमत धाम खुलने की संभावना है। ज्येष्ठ के मंगलवार को मंदिर परिसर में सुबह से लेकर शाम तक राहगीरों को मिष्ठान के साथ ही ठंडे पानी का वितरण किया जाएगा।

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