लखनऊ विश्वविद्यालय पांच अगस्‍त तक तैयार करेगा स्‍नातक का कोर्स, न्‍यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत स्‍वीकृत होंगे कोर्स

लखनऊ विश्वविद्यालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के अनुसार स्नातक के कोर्सों को लागू करने की तैयारी तेज हो गई है। इसके लिए विवि ने सभी संकायाध्यक्षों विभागाध्यक्षों और समन्वयकों को पत्र जारी कर पांच अगस्त तक कुलसचिव को उपलब्ध कराने को कहा है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 09:15 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 09:15 AM (IST)
लखनऊ विश्वविद्यालय पांच अगस्‍त तक तैयार करेगा स्‍नातक का कोर्स, न्‍यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत स्‍वीकृत होंगे कोर्स
लखनऊ विश्वविद्यालय पांच अगस्त तक तैयार करेगा स्नातक का कोर्स।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के अनुसार स्नातक के कोर्सों को लागू करने की तैयारी तेज हो गई है। इसके लिए विवि ने सभी संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों और समन्वयकों को पत्र जारी कर पांच अगस्त तक एनईपी के तहत कोर्सों को स्वीकृत कराकर उप कुलसचिव को उपलब्ध कराने को कहा है।

दरअसल, राज्य सरकार ने नई शिक्षा नीति के अनुसार न्यूनतम समान कोर्स को लागू करने का आदेश दिया है। इसमें 70 फीसद कोर्स सभी राज्य विश्वविद्यालयों में एक समान संचालित होना है। इस बीच लविवि ने भी नई शिक्षा नीति के आधार पर अपना कोर्स तैयार किया था, लेकिन शासन ने न्यूनतम समान कोर्स को ही लागू करने के लिए कहा। बीते दिनों लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) की बैठक में शिक्षकों ने इसका विरोध करते हुए इसे खारिज कर दिया। साथ ही यह भी मांग उठाई कि लविवि का तैयार किया हुआ कोर्स संचालित किया जाए। इसे लेकर कवायद शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि लविवि अपना तैयार किया हुआ कोर्स लागू करेगा।

लविवि कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्नातक पाठ्यक्रमों को तैयार करने के लिए सभी विभागों को चिठ्ठी भेज दी गई है। पांच अगस्त तक विभागों को कोर्सों को संबंधित नियामक प्राधिकारियों से स्वीकृत कराकर देने के लिए कहा है। जिससे सभी औपचारिकता पूरी कर शैक्षिक सत्र 2021-22 से इसे लागू किया जा सके।

शि‍क्षक खुद बनें अपने ग्रुप के एडमिन: लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के व्हाट्सअप ग्रुप पर लगातार अश्लील मैसेज और वीडियो भेजे जाने की घटना के बाद विश्वविद्यालय ने शिक्षकों को खुद ही ग्रुप एडमिन की जिम्मेदारी निभाने का सुझाव दिया है। यह भी कहा है कि व्हाट्सअप ग्रुप के सभी सिक्योरिटी फीचर को ध्यान से समझ लें, ताकि कोई भी अनाधिकृत नंबर उसमें न जोड़ा जा सके।

बीते 17 जुलाई से कई बार प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के पढ़ाई के लिए बनाए गए व्हाट्सअप गुप पर अराजक तत्व अश्लील फोटो, मैसेज और वीडियो भेज रहा है। दो बार चीफ प्राक्टर की ओर से एफआइआर दर्ज कराने के बाद भी अब तक आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर है। आनलाइन क्लास में दोबारा ऐसा न हो, इसके लिए कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने शिक्षकों को सुझाव दिया है कि वे अपने व्हाट्सअप ग्रुप के खुद ही एडमिन बनें। किसी स्टूडेंट्स को न बनाएं।लविवि जांच करने पहुंची पुलिस : व्हाट्सअप ग्रुप पर अश्लील मैसेज भेजने के मामले में हसनगंज थाने में दो बार एफआइआर दर्ज कराई जा चुकी है। शुक्रवार को पुलिस जांच करने पहुंची। इस दौरान दो छात्रों से पूछताछ कर जानकारी ली। चीफ प्राक्टर प्रो. दिनेश कुमार का कहना है कि पुलिस के साथ हम अपने स्तर से भी इसकी जांच कर रहे हैं।

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