लखनऊ विश्वविद्यालय नियमित नहीं दे रहा टॉपर्स को मेडल, परीक्षा नियंत्रक ने पूछा-पिछले वर्ष बांटे या नहीं
लखनऊ विश्वविद्यालय को शताब्दी समारोह का दीक्षा समारोह मनाए हुए एक साल से ज्यादा बीत गया लेकिन अब तक कई विभाग ऐसे हैं जिन्होंने समारोह में चयनित मेडल का वितरण नहीं किया है। ऐसे में परीक्षा नियंत्रक ने सभी विभागों से इसका ब्योरा तलब कर लिया है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय को शताब्दी समारोह का दीक्षा समारोह मनाए हुए एक साल से ज्यादा बीत गया, लेकिन अब तक कई विभाग ऐसे हैं, जिन्होंने समारोह में चयनित मेडल का वितरण नहीं किया है। दो दिन पहले प्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी को पिछले साल दीक्षा समारोह का गोल्ड मेडल घर भेजने की जानकारी मिली तो परीक्षा नियंत्रक ने सभी विभागों से इसका ब्योरा तलब कर लिया।
विभागों को पत्र भेजकर उन्होंने पूछा है कि वर्ष 2020 के कितने मेडल अभी तक वितरित नहीं हो सके हैं। यदि मेधावियों को मेडल दे दिया गया तो उसका ब्योरा दें। इसके लिए दो दिन का समय दिया गया था।
दरअसल, लखनऊ विश्वविद्यालय ने 26 नवंबर 2020 को अपने सौ साल पूरे किए थे। शताब्दी वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में करीब एक सप्ताह का कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। इसी में दीक्षा समारोह भी शामिल था। कोविड-19 के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय ने कुछ मेधावियों को मंच से मेडल वितरित किए थे। बाकी मेडल संकाय एवं विभाग स्तर पर वितरण के लिए भेज दिए थे। उसके बाद मार्च-अप्रैल से कोविड की वजह वितरण प्रक्रिया पूरी तरह से रोक दी गई। जब स्थितियां सामान्य हुईं तो परीक्षा नियंत्रक ने विभागों को मेडल भेजकर वितरण के निर्देश दिए। कुछ विभागों ने मेडल दे भी दिए।
लोक गायिका को मेडल दिए जाने पर आई याद
शुक्रवार को देर रात लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने ट्विटर पर जानकारी दी कि आखिरकार उन्हें 34 साल बाद स्वर्ण पदक मिल गया। उन्होंने 1987 में मैंने एक साथ बीए ऑनर्स और संगीत निपुण (भातखंडे) में टॉप किया। इस जानकारी के बाद कई विभागों के मेडल वितरण अभी बाकी होने की सूचना मिली है। जिसके बाद परीक्षा नियंत्रक प्रो. एम सक्सेना ने विभागों को पत्र जारी कर दो दिन में वर्ष 2020 के मेडल वितरण संबंधी सूचना देने के लिए कहा है।