लखनऊ विश्वविद्यालय और केजीएमयू मिलकर करेंगे शोध, जानिए छात्रों को क्या होगा फायदा

लखनऊ विश्वविद्यालय और केजीएमयू के बीच एमआेयू करार हुआ दोनों संस्थान मिलकर अकादमिक विनमय व शोध और अनुसंधान के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे लखनऊ विश्वविद्यालय और केजीएमयू अनुसंधान परियोजनाओं में सहयोग को प्रोत्साहित करेंगे। दोनों संस्थान मिलकर काम करेंगे।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 06:20 AM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 12:03 PM (IST)
लखनऊ विश्वविद्यालय और केजीएमयू मिलकर करेंगे शोध, जानिए छात्रों को क्या होगा फायदा
लखनऊ विश्वविद्यालय और केजीएमयू के बीच अकादमिक व शोध को लेकर एमओयू।

लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विवि और किंग जार्ज मेडिकल विवि अब साथ में मिलकर शोध करेंगे। इस संबंध में दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपति के बीच बुधवार शाम को एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ। दोनों प्रमुख संस्थानों के बीच अकादमिक विनमय व शोध और अनुसंधान के क्षेत्र में यह पहली सहमति हुई है।

लखनऊ विश्वविद्यालय और केजीएमयू के बीच यह एमओयू आपसी सहयोग के लिए बना है। इस समझौते के तहत चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में जीव और जैविक शोध करने के लिए दोनों संस्थानों के शोधार्थी सहयोग, अभिषरण और तालमेल के साथ भूमिका निभा सके। कोविड जैसी महामारी के रोकथाम के लिए भी यह दोनों संस्थान साथ में काम कर सकेंगे। प्रत्येक संस्थान की भूमिका एमओयू में परिभाषित कर दी गयी है। लविवि और केजीएमयू अनुसंधान परियोजनाओं में सहयोग को प्रोत्साहित करेंगे। लविवि और केजीएमयू फंडिंग के लिए विभिन्न क्षेत्रों पर संयुक्त प्रस्तावों को भी तैयार करने के लिए एक दूसरे के शोधार्थी व आचार्यों को सुविधाएं प्रदान करेंगे। लविवि और केजीएमयू आपस में आवंटित अनुदानों को सांझा करने के साथ-साथ तकनीकी सहयोग को भी बढ़ावा देंगे। यह एमओयू सार्वजनिक सेवा के लिए उच्च प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में राज्य के दो प्रमुख संस्थानों के बीच समन्वय और सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

इस दौरान लविवि के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय, प्राणी विज्ञान के प्रमुख प्रो. सुधीर कुमार, डीन एकेडमिक्स प्रो. अरविंद मोहन, डॉ. शैली मलिक और केजीएमयू के कुलपति लेफ्टीनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी, संकाय प्रभारी प्रो. आरके गर्ग, प्रो. समीर मिश्र, डॉ. सिद्धार्थ अग्रवाल व अन्य लोग मौजूद रहें।

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