मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा लखनऊ का ट्रांसपोर्ट नगर, 35 साल से सड़कें और सीवर बदहाल

वर्ष 1982 में लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) ने ट्रांसपोर्ट नगर योजना बसाई थी। उस समय सड़क सीवर व मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई थी। वर्ष 1983 से वाणिज्यिक भूखंड पर कब्जा लेना शुरू किया और वर्ष 1985 तक ट्रांसपोर्ट नगर अपने रंग में आने लगा था।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 02:02 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 02:02 PM (IST)
मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा लखनऊ का ट्रांसपोर्ट नगर, 35 साल से सड़कें और सीवर बदहाल
लखनऊ का ट्रांसपोर्ट नगर करीब 35 सालों से मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। वर्ष 1982 में लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) ने ट्रांसपोर्ट नगर योजना बसाई थी। उस समय सड़क, सीवर व मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई थी। वर्ष 1983 से वाणिज्यिक भूखंड पर कब्जा लेना शुरू किया और वर्ष 1985 तक ट्रांसपोर्ट नगर अपने रंग में आने लगा था। करीब 35 साल बाद भी न तो लविप्रा ने मूलभूत सुविधाओं को दुुरुस्त करने की जहमत उठाई और न नगर निगम ने। मंत्रियाें व स्थानीय विधायकों से जरूर आश्वासन मिलते रहे, हुआ कुछ नहीं।

ट्रांसपोर्ट नगर व्यापार मंडल एवं वेयर हाउस ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष टीपीएस अनेजा और महामंत्री उमेश खेत्रपाल ने पानी, टेलीफोन लाइन, नाली, सीवरेज लाइन, पार्किंग, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, फायर स्टेशन, पार्क, डाकघर, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र की मांग की है। सड़कों की हालत खस्ताहाल होने के कारण दुर्घटनाएं आम हो गई हैं, इसलिए इसे गुणवत्ता परक प्राथमिकता पर बनवाने की आवाज उठाई है। अध्यक्ष टीपीएस अनेजा और महामंत्री उमेश खेत्रपाल कहते हैं कि वर्ष 1997 को तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा शहर में स्थापित ट्रांसपोर्ट, एजेंसी, गोदाम, थोक व्यापारियों और उनसे जुड़े हुए कामों को शहर से बाहर ट्रांसपोर्ट नगर योजना में विस्थापित करने का आदेश था । वहीं, लविप्रा व नगर निगम किसी प्रकार की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। तमाम आवंटी ऐसे हैं जिन्हें लविप्रा आज तक कब्जा नहीं दे सका है और यह आवंटी तीन दशक से कब्जा पाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। 

व्यापारियों ने लविप्रा उपाध्यक्ष 18 सितंबर 2021को जारी आदेश को गलत अनुचित बताया है। व्यापारियों ने तर्क दिया है कि आवंटित भूखंडों में लेवी लेते हुए मानचित्र स्वीकृति, फ्री होल्ड, नामांतरण, लीज बढ़ाने और अन्य समस्त कार्यवाही रोक दी है। पदाधिकारियों ने कहा कि जब रजिस्टर्ड लीज डीड में लेवी जैसा कोई जिक्र नहीं है। अधिनियम का उल्लेख करके प्राधिकरण द्वारा आवंटियों का मानसिक उत्पीड़न करने का प्रयास किया जा रहा है। अध्यक्ष ने बताया कि तीन वर्ष पहले तत्कालीन उपाध्यक्ष ने फ्री होल्ड किए जाने के संबंध में कमेटी गठित की थी, यही नहीं प्राधिकरण पिछले तीन साल से ट्रांसपोर्ट नगर योजना में स्वयं फ्री होल्ड प्लॉट नए आवंटियों को बेच रहा है।

मंत्री को पत्र लिखकर लगाई गुहारः ट्रांसपोर्ट नगर व्यापार मंडल एवं वेयर हाउस ओनर्स एसोसिएशन ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और मंत्री व सरोजनीनगर से विधायक स्वाति सिंह से मिलकर पूरी स्थिति से भी अवगत कराया है। वहीं लविप्रा उपाध्यक्ष, सचिव व अपर सचिव से मिलकर ज्ञापन दिया जा चुका है।

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