लखनऊ नगर निगम ने मच्छरों से निपटने को कसी कमर, फागिंग और एंटी लार्वा छिड़काव के लिए उतारे 320 वाहन

Lucknow Nagar Nigam बारिश के बाद कई जगह जलभराव होने से मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए नगर निगम ने केमिकल का छिड़काव करने के लिए रविवार को 320 वाहनों को शहर में उतारा। इन वाहनों से फागिंग के साथ ही एंटी लार्वा का भी छिड़काव होगा।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 01:28 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 01:28 PM (IST)
लखनऊ नगर निगम ने मच्छरों से निपटने को कसी कमर, फागिंग और एंटी लार्वा छिड़काव के लिए उतारे 320 वाहन
नगर आयुक्त ने बताया कि इन वाहनों से सैनिटाइजेशन, फागिंग और एंटीलार्वा का छिड़काव होगा।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। बारिश के बाद कई जगह जलभराव होने से मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए नगर निगम ने केमिकल का छिड़काव करने के लिए रविवार को 320 वाहनों को शहर में उतारा। इन वाहनों से फागिंग के साथ ही एंटी लार्वा का भी छिड़काव होगा। रविवार को नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने लोहिया पथ के 1090 चौराहे से इन वाहनों को रवाना किया। नगर आयुक्त ने बताया कि इन वाहनों से सैनिटाइजेशन, फागिंग और एंटीलार्वा का छिड़काव होगा। इस अभियान में 85 ट्रैक्टर माउंटेड एन्टी लार्वा स्प्रे सिस्टम, 30 टाटा ऐस माउंटेड फागिंग मशीन, 55 हैंड हेल्ड मशीन एंटी लार्वा मशीन एवं 156 साइकिल माउंटेड फागिंग मशीन हैं।

यह अभियान ऐसे स्थलों पर चला चलाया जा रहा है, जहां बारिश के बाद अभी पानी का जमाव है। इसके अलावा मलिन बस्तियों को कवर किया जाएगा। इस अभियान में लगभग 500 कर्मचारी लगाए गए हैं। सभी आठ जोन के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए गए है। कार्यक्रम में अपर नगर आयुक्त अभय पांडेय, मुख्य अभियंता महेश वर्मा, नगर स्वास्थ अधिकारी डा. एसके रावत, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह, संयुक्त निदेशक पशु कल्याण डा. अरविंद राव,जोनल अधिकारियों में सुुजीत श्रीवास्तव, अवनींद्र सिंह, डा. बिन्नो अब्बास रिजवी, संगीता कुमारी, प्रज्ञा सिंह, अरुण चौधरी भी थे।

दरअसल, शहर के कई इलाकों में जलनिकासी नहीं है और बारिश का पानी वहां जीवन प्रभावित कर देता है। आज भी फैजुल्लागंज समेत कई इलाकों में पानी का जमाव है। यह इलाका गोमती नदी से मिला है और यहां जमीन बेचने वालों ने जलनिकासी का कोई इंतजाम नहीं किया था। सिर्फ फैजुल्लागंज की जलनिकासी के लिए 35 करोड़ चाहिए लेकिन हर बार सिर्फ योजना ही बनती है। ऐसी कॉलोनियां एलडीए की लापरवाही से बस रही हैं, जहां का ले-आउट प्लान तक पास नहीं होता है और प्रापर्टी डीलर किसी तरह का विकास कराए बिना ही प्लाट बेच देते हैं। ऐसे में हर बारिश यहां आफत बन कर ही आती है।

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