फर्जी ट्रामा सेंटरों के आगे लखनऊ स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने टेके घुटने, सीएम के आदेश के बावजूद नहीं हो रही कार्रवाई

राजधानी को विभिन्न शहरों और जनपदों से जोड़ने वाले मार्गों पर खुले अवैध ट्रामा सेंटरों के आगे स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने घुटने टेक दिए हैं। यह हाल तब है जब मुख्यमंत्री ने अवैध ट्रामा सेंटरों के खिलाफ जागरण की सिरीज का संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया था।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Mon, 30 Aug 2021 08:57 AM (IST) Updated:Mon, 30 Aug 2021 12:03 PM (IST)
फर्जी ट्रामा सेंटरों के आगे लखनऊ स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने टेके घुटने, सीएम के आदेश के बावजूद नहीं हो रही कार्रवाई
ट्रामा सेंटर में तो आठवीं पास ऑफिस ब्व़ॉय और बीएससी, नर्सिंग के छात्र मरीजों का इलाज कर रहे थे।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। राजधानी को विभिन्न शहरों और जनपदों से जोड़ने वाले मार्गों पर कुकुरमुत्ते की तरह खुले अवैध ट्रामा सेंटरों के आगे स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने घुटने टेक दिए हैं। यह हाल तब है जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध ट्रामा सेंटरों के खिलाफ दैनिक जागरण की सिरीज का संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया था। तत्काल समय में स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन ने सात ट्रामा सेंटरों को सील कर कार्रवाई के नाम पर इतिश्री कर ली थी। मगर अब सीएम के निर्देश के महीने भर का वक्त गुजर जाने के बाद भी अभी तक दोनों विभागों ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।

दैनिक जागरण ने सीतापुर रोड, हरदोई रोड, कानपुर रोड, रायबरेली रोड, अयोध्या रोड, सुलतानपुर रोड व शहीद पथ से लगे सैकड़ों ट्रामा सेंटरों की पड़ताल कर उनके फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया था। ट्रामा के नाम पर चल रहे अस्पतावलों में सीटी स्कैन, एमआरआइ, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, आइसीयू, ऑपरेशन थिएटर, एंबुलेंस, ब्लड बैंक, पैथालॉजी, आइसीयू, वेंटिलेटर और एंबुलेंस जैसी आधारभूत सुविधाएं नहीं थी। अस्पतालों में न्यूरो, आर्थो इत्यादि के डाक्टर भी नहीं थे। मगर अस्पतालों के बोर्ड पर न्यूरो, आर्थो, यूरो, नेफ्रो, फिजीशियन समेत दर्जनों डाक्टरों के नाम व सभी सुविधाओं का जिक्र था। कई ट्रामा सेंटर में तो आठवीं पास ऑफिस ब्व़ॉय और बीएससी, नर्सिंग व एमबीबीएस के छात्र मरीजों का इलाज कर रहे थे।

हैरानी तो तब हुई जब रायबरेली रोड स्थित रामआसरे ट्रामा सेंटर में खटिया पर लेटाकर मरीज का इलाज किया जा रहा था। हाईस्कूल पास वार्ड ब्वॉय ही मरीजों को दवाएं देकर सुई भी लगा रहा था। यहां डाक्टर तीन दिन से नहीं आए थे। इसी तरह वृंदावन स्थित स्कोप अस्पताल बिना ट्रामा के लाइसेंस और बगैर बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण सर्टिफिकेट के चल रहा था। मौके पर डाक्टर व वेंटिलेटर नहीं होने के बावजूद अस्पताल हेड इंजरी के गंभीर मरीज को भर्ती लेने को तैयार हो गया था। यह दो अस्पताल तो सिर्फ उदाहरण भर हैं। लखनऊ में सभी मार्गों पर ऐसे सैकड़ों फर्जी ट्रामा सेंटर मरीजों से लाखों की लूट करने के साथ उनकी जान के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं। मगर स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन उनका हमदर्द बना है।

कुछ ट्रामा सेंटरों के खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी को भेज दी गई है। बाकी को भी जल्द नोटिस दिया जाएगा और उसके बाद कार्रवाई होगी। -डा. मनोज अग्रवाल, सीएमओ, लखनऊ

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