रूस में लखनऊ की बेटी लहराएगी परचम, UP ने किया था फेल तो बेंगलुरू से मिली जीत

मां ने सिलाई तो पिता ने लोहे की दुकान में काम कर उठाया खर्च। विश्व स्तरीय कौशल प्रतियोगिता के लिए यूपी से हुआ चयन।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 05:16 PM (IST) Updated:Sat, 17 Nov 2018 07:58 AM (IST)
रूस में लखनऊ की बेटी लहराएगी परचम, UP ने किया था फेल तो बेंगलुरू से मिली जीत
रूस में लखनऊ की बेटी लहराएगी परचम, UP ने किया था फेल तो बेंगलुरू से मिली जीत

लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। कल्पनाओं की कोई सीमा नहीं होती और हुनर की कोई उम्र नहीं होती। बस उसे पहचान कर उसे तराशने की जरूरत होती है। प्रदेश स्तर पर ऐसे युवाओं की पहचान कर विश्व स्तर पर होने वाले कम्प्टीशन का प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग की पहल अब रंग लाने लगी है। राजधानी के अलीगंज स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से फैशन टेक्नोलॉजी ट्रेड से 84 फीसद अंक हासिल करने वाली राजधानी की समीक्षा अब रूस  जाएंगी।

ऑल इंडिया कम्प्टीशन में राजधानी ही नहीं प्रदेश की इकलौती छात्रा बनीं समीक्षा अब अगले वर्ष रूस के कजान में होने वाली विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में अपने फैशन के हुनर का जलवा दिखाने के लिए बेताब है। आधुनिकता की इस दौड़ में युवतियों की खास पसंद बनी 'मिडी' में कॉलर के साथ ही कई नई डिजाइन देने के लिए समीक्षा का चयन दो से पांच नवंबर में दिल्ली में हुए राष्ट्रीय स्किल्स प्रतियोगिता में हुआ। वाराणसी की ही मोनी पाल को पीछे करके अपनी जगह बनाने वाली समीक्षा फैशन टेक्नोलॉजी में देश में तीसरा और प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया। अगले वर्ष सोवियत संघ के कजान में होने वाले विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में पहली बार प्रदेश की इस युवती की भागीदारी होगी।

 

लोहे की दुकान पर काम करते हैं पिता

आलमबाग के सूर्यनगर निवासी समीक्षा के पिता रामजनम लोहे की दुकान पर काम करते हैं। घर का खर्च चलाने में मां कौशल्या को भी हाथ बटाना पड़ता है। समीक्षा ने बताया कि जब हम सो जाते थे तो मां सिलाई करती थीं। मां के इस हुनर को बचपन से देखा और फिर इसी में कुछ अलग करने के लिए अलीगंज के राजकीय आइटीआइ में फैशन टेक्नोलॉजी ट्रेड में प्रवेश लिया। 

 

यूपी ने किया फेल तो बेंगलुरू से मिली जीत

31 मई से दो जून तक इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित प्रदेश स्तरीय स्किल प्रतियोगिता में समीक्षा और वाराणसी मोनी पाल को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया था। अपने हुनर की उत्कृष्टता के चैलेंज के साथ दोनों विजेता का विरोध भी किया गया था। उसके बाद दोनों ने बेंगलुरू में आयोजित प्रतियोगिता में विजय हासिल की और दोनों ऑल इंडिया कम्प्टीशन में यूपी का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुनी गई। 

क्या कहते हैं निदेशक ?

प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशक प्रांजल यादव का कहना है कि तकनीकी रूप में समृद्ध युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए कम्प्टीशन कराया गया। फैशन टेक्नोलॉजी में समीक्षा का चयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का सशक्त उदाहरण है। रूस में अगले वर्ष होने वाले कम्प्टीशन के लिए उसके हुनर को और तराशा जाएगा।

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