24 घंटे खुली रहती है लखनऊ की ये लाइब्रेरी, जानिए कैसे हुई शुरुआत Lucknow News
लखनऊ में गरीब बच्चों के लिए खोली गई 24 घंटे चलने वाली लाइब्रेरी।
लखनऊ, जेएनएन। संसाधनों के अभाव में प्रतिभा अगर निखरने से पहले ही कुम्हला जाए, तो यह उस प्रतिभा का ही नहीं, बल्कि समाज की भी क्षति है। किताबों के अभाव में हजारों बच्चे शिक्षा से महरूम हैं। किताबें मयस्सर हैं तो पढऩे के लिए जगह उपलब्ध नहीं। यह स्थिति शहर के एक शख्स को नागवार गुजरी और उसने इस ओर कुछ करने की सोची। एक जगह चुनी और उसे बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित कर दिया। नाम रखा इंडियन लाइब्रेरी। मकसद था, गली-कूचों में रहने वाले बच्चे जिनके पास पढऩे के लिए जगह नहीं, उन्हें एक स्थान उपलब्ध कराया जाए। यहां उन्हें पढ़ाई का माहौल मिलता है, दिन में कभी भी आने की सुविधा मिलती है और जल्द ही किताबें भी मिलने लगेंगी।
ऐसे हुई शुरुआत
पेशे से चिकित्सक डॉ. इंद्रजीत सिंह ने इंडियन लाइब्रेरी की स्थापना की है। वह कहते हैं, शहर में बहुत से इलाके हैं जहां पर गरीब बच्चे शिक्षा से महरूम हैं। एनजीओ व समाजसेवी इन बच्चों को किताबें तो दे देते हैं, लेकिन उनके पास पढऩे की जगह नहीं है। सरकारी स्कूलों की पढ़ाई का सच किसी से छुपा नहीं। ऐसे में मुझे इस तरह की लाइब्रेरी खोलने का ख्याल आया, जहां बच्चों को पढ़ाई का माहौल व स्थान मिल सके। आलमबाग के फीनिक्स मॉल के निकट जीएस टावर के पास बनी यह लाइब्रेरी शहर का पहला पुस्तकालय है, जो सप्ताह के सात दिन व 24 घंटे खुली रहेगी।
डॉ. इंद्रजीत सिंह ने बताया कि बताया कि लाइब्रेरी में वाई-फाई की सुविधा भी है। सुरक्षा के लिए गार्ड और सीसी कैमरा भी लगा हुआ है। बच्चों को मात्र 20 रुपये में एक बार पंजीकरण कराना होगा। इसके बाद से वह यहां के सदस्य बन जाएंगे।
आसपास के बच्चों को होगा फायदा
डॉ. इंद्रजीत का कहना है कि इस पुस्तकालय में कहीं से भी बच्चे आ सकते हैं, लेकिन आस-पास रहने वाले बच्चों को काफी फायदा होगा। बच्चों को सेल्फ स्टडी का सबसे बेहतर स्थान दिया गया है। एक बार में एक साथ 250 बच्चे बैठकर पढ़ सकते हैं।
बढ़ेंगी किताबें
वर्तमान में इस लाइब्रेरी में बच्चों को पढऩे के लिए सिर्फ स्थान दिया जा रहा है। न्यूज पेपर व मैगजीन रखी उपलब्ध हैं। बच्चों को नोट्स आदि की व्यवस्था दी जा रही है। आने वाले समय में इसमें किताबों का संग्रह भी होगा।