लखनऊ के शै‍क्षणिक संस्‍थानों को आज हर हाल में जमा करना होगा मास्टर डाटा, वरना रुकेगी शुल्क प्रतिपूर्ति

संस्थानों को 21 अक्टूबर तक मास्टर डाटा देने और 25 अक्टूबर तक समस्त पात्र विद्यार्थियों का आवेदन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए। लखनऊ की 630 संस्थानों में से 90 को मास्टर डाटा देना है। आनलाइन डाटा में फीस से लेकर कोर्स और शिक्षकों की पूरी जानकारी देनी होगी।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 10:35 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 02:33 PM (IST)
लखनऊ के शै‍क्षणिक संस्‍थानों को आज हर हाल में जमा करना होगा मास्टर डाटा, वरना रुकेगी शुल्क प्रतिपूर्ति
लखनऊ की 630 शिक्षण संस्थानों में अभी तक 90 ने नहीं दिया आनलाइन डाटा।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। छात्रवृत्ति-शुल्क प्रतिपूर्ति को लेकर आयोजित हई बैठक में संशोधित समय सारणी को लेकर मंथन किया गया। संस्थानों को 21 अक्टूबर तक मास्टर डाटा देने और 25 अक्टूबर तक समस्त पात्र विद्यार्थियों का आवेदन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए। लखनऊ की 630 संस्थानों में से 90 को मास्टर डाटा देना है। आनलाइन डाटा में फीस से लेकर कोर्स और शिक्षकों की पूरी जानकारी देनी होगी।

समाज कल्याण विभाग की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर मेधावियों की फीस शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में दी जाती है। 2021-22 वित्तीय वर्ष में शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए सामान्य वर्ग के 52,500 लाख रुपये और अनुसूचित जाति व जनजाति के शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति के लिए 98,012 लाख रुपये का बजट स्वीकृत है। पूर्व दशम कक्षा नौ और 10 और दशमोत्तर कक्षा 12 के ऊपर विद्यार्थियों को पैसा दिया जाएगा। विद्यार्थी वेबसाइट scholarship.up.gov.in पर जाकर जानकारी ले सकते हैं। पालीटेक्निक और आइटीआइ की प्रवेश प्रक्रिया अभी चल रही है। काउंसिलिंग के बाद प्रवेश होंगे। इनकी सहूलियत के लिए विभाग ने बिना इनरोलमेंट नंबर के ही आनलइन आवेदन की छूट दी है।

हर साल 60 लाख को मिलती है शुल्क प्रतिपूर्ति: हर साल करीब 27 लाख अनुसूचित जाति व जनजाति और सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति व वजीफा दिया जाता है।पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक विभाग को मिलाकर प्रदेश के 60 लाख विद्यार्थियों को हर साल शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति का लाभ मिलता है। सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए इंटर में 60 फीसद अंक अनिवार्य है। परास्नातक स्तर के कोर्स में प्रवेश के बाद शुल्क प्रर्तिपूर्ति के लिए आवेदन करने के लिए स्नातक में 55 फीसद अंक अनिवार्य है। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में पहले से ही 50 फीसद अंक की अनिवार्यता है।

जिला समाज कल्याण अधिकारी डा अमरनाथ यती ने बताया कि समाज कल्याण विभाग की संशोधित नियमावली के तहत मैनेजमेंट कोटे के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं दी जाएगी। जीरो फीस की व्यवस्था भी खत्म हो गई है। सामान्य वर्ग के इंटर में 60 फीसद और स्नातक में 55 फीसद वाले को ही शुल्क प्रतिपूर्ति मिलेगी। मास्टर डाटा न देने वाले संस्थानों के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ नहीं मिलेगा। 25 तक सभी विद्यार्थी आनलाइन आवेदन के साथ हार्डकापी संस्थान में जरूर जमा कर दें।

chat bot
आपका साथी