Green Corridor built in Lucknow: एलडीए को जुलाई में मिल जाएगी ग्रीन कारिडोर की फिजिबिलिटी रिपोर्ट
लखनऊ डीएम व लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने प्रोजेक्ट सलाहकार को शहीद पथ से आइआइएम तक बनने वाले ग्रीन कारिडोर की फिजिबिलिटी रिपोर्ट 21 जुलाई तक तलब करने को कहा है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि नोडल एजेंसी लविप्रा द्वारा रखे जाने वाले अफसरों को कार्यालय उपलब्ध कराया जाए।
लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) ग्रीन कारिडोर को लेकर एक भी दिन खराब नहीं करना चाहता है इसलिए नियमित मानटीरिंग की जा रही है। शहीद पथ से आइआइएम बंधे तक बनने वाला ग्रीन कारिडोर की फिजिबिलिटी रिपोर्ट (व्यावहारिकता रिपोर्ट) 21 जुलाई तक डीएम एवं लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने प्रोजेक्ट सलाहकार से तलब की है। निदेZश दिए गए हैं कि नोडल एजेंसी लविप्रा द्वारा रखे जाने वाले अफसरों का चयन करके कायाZलय उपलब्ध कराया जाए। सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता, डिप्टी कलेक्टर और वास्तुविद को ग्रीन कारिडोर की पूरी रिपोर्ट उपलब्ध करा दी जाए और विभागों के साथ होने वाली मीटिंग में अफसर चयन के बाद शामिल किए जाए, उद्देश्य है कि जमीन पर काम अक्टूबर 2021 से शुरू हो जाए।
डीएम एवं लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया कि अगर समय से काम शुरू होगा तभी समय से खत्म हो सकेगा। इसलिए शुरू से ही पूरी रणनीति बनाकर काम करना होगा। इसमें सिंचाई, नगर निगम, राजस्व, पीडब्ल्यूडी और लविप्रा जैसे विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका है। जरूरी है टीम वर्क हो। इसलिए तीन सेवानिवृत्त अफसरों का चयन इसी सप्ताह फाइनल करने के आदेश दिए गए हैं। यह तीन अफसर सिर्फ ग्रीन कारिडोर का काम करेंगे। उन्होंने बताया कि सात सितंबर तक डीपीआर का प्रथम चरण मांगा गया है।
उद्देश्य है कि उस स्थान पर काम शुरू हो सके। सेकेंड फेस का डीपीआर जब तक मिलेगा, तब तक प्रथम फेस का कुछ काम दिखने लगेगा। इसलिए ग्रीन कारिडोर का काम में ढिलाई न बरतने के आदेश दिए गए हैं। लविप्रा सचिव पवन कुमार गंगवार सीधे संबंधित विभागों के संपर्क में रहेंगे, यही नहीं समय समय पर प्राधिकरण में इसकी मीटिंग हो रही है। डीएम एवं लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया कि बजट को लेकर कोई समस्या नहीं है। नोडल एजेंसी होने के कारण लखनऊ विकास प्राधिकरण अपनी पूरी जिम्मेदारी निभा रहा है।