रंग-बिरंगे फूलों से गुलजार होंगे लखनऊ विकास प्राधिकरण के पार्क, एनबीआरआइ के साथ हुआ एमओयू
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने एनबीआरआइ के साथ यह एमओयू साइन किया गया है। प्रथम चरण में जनेश्वर मिश्र पार्क तथा बाद में रिवर फ्रंट ईको गार्डेन समेत लविप्रा के अन्य जोनल पार्कों में एनबीआरआई के सहयोग से पार्क के सुन्दीकरण का कार्य कराया जाएगा।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विकास प्राधिकरण के पार्क जल्द ही रंग-बिरंगे फूलों से गुलजार होंगे। इसके लिए रंग-बिरंगे फूलों से गुलजार होंगे एलडीए के पार्क है। इसके तहत एनबीआरआइ द्वारा चरणबद्ध तरीके से लविप्रा के पार्कों की बेहतरी के लिए कार्य किए जाएंगे। यह न सिर्फ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनेगा बल्कि इससे पार्कों में पक्षियों और तितलियों की संख्या में भी इजाफा होगा।
लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि प्राधिकरण के पार्कों के सुन्दरीकरण के क्रम में एनबीआरआइ के साथ यह एमओयू साइन किया गया है। इसके तहत पार्कों में सजावटी व आकर्षक फूलों की खेती के साथ ही अन्य उपयोगी पौधों की विविधिता बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में जनेश्वर मिश्र पार्क तथा बाद में रिवर फ्रंट, ईको गार्डेन समेत लविप्रा के अन्य जोनल पार्कों में एनबीआरआई के सहयोग से पार्क के सुन्दीकरण का कार्य कराया जाएगा। इस कार्य से पार्कों में आने वाले पर्यटकों को तो प्रोत्साहन मिलेगा ही, साथ ही पक्षियों और तितलियों की संख्या में भी स्वाभाविक वृद्धि होगी, जोकि पर्यावरण प्रेमियों को लुभाने का कार्य करेगी। सचिव ने बताया कि एमओयू में हुए समझौतों के अनुसार एनबीआरआइ द्वारा विविध प्रकार के पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा पार्कों के रख-रखाव करने वाले विभागीय कर्मचारियों को भी एनबीआरआइ के वैज्ञानिकों द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
भू माफिया द्वारा बेचे गए भूखंड पर हो रहा था अवैध निर्माण: लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी द्वारा लखनऊ शहर में अवैध निर्माणों के खिलाफ सोमवार को कार्रवाई जारी रही। जोन-एक (प्रवर्तन) के विहित प्राधिकारी ने बताया कि उमाशंकर सिंह तथा उनके पुत्र सौरभ द्वारा भूखंड संख्या 1/257, मौजा-मकदूमपुर, निकट हिमालयन मेडिकल साइंस एवं हास्पिटल, सेक्टर-एक, गोमतीनगर विस्तार, लखनऊ के लगभग 1500 वर्गफिट भूमि पर बिना मानचित्र स्वीकृत अनाधिकृत रूप निर्माण कार्य किया जा रहा था। उक्त अवैध निर्माण को कई बार रोकने का प्रयास किया गया, किन्तु निर्माणकर्ता द्वारा निर्माण कार्य नहीं रोका गया। इस पर लविप्रा को कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माण सील कर दिया गया। यह भूखंड भू माफिया दिलीप सिंह बाफिला द्वारा उमाशंकर को बेचा गया था।