लखनऊ विकास प्राधिकरण का कारनामा, 300 वर्ग मीटर आवंटित भूखंड को कर दिया 180 वर्ग मीटर
LDA द्वारा आयोजित प्राधिकरण दिवस/जनता अदालत का आयोजन कराया गया। जनता अदालत में आवंटियों की लंबी फेहरिस्त देखने को मिली। यहां अली नगर सुनहरा के लोगों लविप्रा सचिव पवन कुमार गंगवार से बिजली कनेक्शन के लिए वार्ता करते रहे लेकिन कोई हल नहीं निकला।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) द्वारा आयोजित प्राधिकरण दिवस/जनता अदालत का आयोजन कराया गया। जनता अदालत में आवंटियों की लंबी फेहरिस्त देखने को मिली। यहां अली नगर सुनहरा के लोगों लविप्रा सचिव पवन कुमार गंगवार से बिजली कनेक्शन के लिए वार्ता करते रहे, लेकिन कोई हल नहीं निकला। वहीं, राजीव कुमार नाम के एक आवंटी का बड़ा गड़बड़झाला सामने आया।
दरअसल, राजीव ने वर्ष 2015 में विक्रांत खंड में भूखंड संख्या 1/330 खरीद था। भूखंड का क्षेत्रफल 300 वर्ग मीटर था। इस लाइन में भूखंड संख्या 329 से लेकर 333 तक आवंटित किए थे। लविप्रा ने रजिस्ट्री से पहले 1/330 ए बना दिया। तर्क दिया कि भूखंड संख्या 1/329 का क्षेत्रफल पांच हजार वर्ग फीट था। अन्य भूखंड का क्षेत्रफल भी ज्यादा था। स्थिति यह हो गई कि राजीव कुमार का भूखंड जो 300 वर्ग मीटर का था, वह भूखंड कटने से 180 वर्ग मीटर बचा। उन्होंने शिकायत की तो लविप्रा के काबिल अफसरों ने तर्क दिया कि जिस आवंटी के पास ज्यादा चला गया है, उससे संपर्क करके अपना हिस्सा ले लो। यही नहीं, आवंटी की बाउंड्रीवाल व गेट भी गिरा दिया गया। लविप्रा के अफसरों व अभियंताओं की टीम ने मूल आवंटी से पूछना तक जरूरी नहीं समझा। इसी तरह सीमा कुमार शर्मा ने 2/176 रुचि खंड में भूखंड लिया था, कास्टिंग में पैसों की गणना न होने से आज तक रजिस्ट्री नहीं हो सकी।
ऐसे दर्जनों आवंटी जनता अदालत में आए। प्राधिकरण दिवस/जनता अदालत में कुल 56 व्यक्तियों द्वारा अपनी समस्याओं के विषय में प्रार्थना पत्र दिया गया।प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार गंगवार तथा अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा द्वारा सभी की समस्याओं को विस्तारपूर्वक सुना गया। सचिव द्वारा संबंधित अधिकारियों से विचार-विमर्श कर नौ व्यक्तियों की समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। वहीं, अन्य प्रार्थना पत्रों पर समयबद्ध कार्यवाही कर शीघ्र निस्तारित किए जाने के निर्देश दिए गए। प्राधिकरण दिवस में विशेष कार्याधिकारी अमित राठौर, नजूल अधिकारी आनंद कुमार सिंह, विशेष कार्याधिकारी डी.के. सिंह, रामशंकर व राजीव कुमार सहित अन्य अधिकारी तथा अधीक्षण अभियंता एके तिवारी सहित कई अधिशासी अभियंता मौजूद रहे।