लखनऊ विकास प्राधिकरण की बसंत कुंज योजना का ग्लमैर खरीददारों में नहीं, उम्मीद से कम रफ्तार
लखनऊ हरदोई रोड स्थित बसंत कुंज योजना लविप्रा ने वर्ष 2005 में लांच की थी। 17 फरवरी तक सिर्फ 260 लोगों ने पंजीकरण कराया 1700 फार्म बिके। जमीनों के दाम बढ़ाने से हुआ असर वर्तमान में वीरान पड़ा है प्रोजेक्ट।
लखनऊ, जेएनएन। भविष्य को देखते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण लविप्रा की बसंत कुंज योजना भले ठीक हो जाए, लेकिन अभी लविप्रा को बसंत कुंज योजना के लिए बहुत ज्यादा खरीददार नहीं मिल रहे हैं। लविप्रा की संपत्ति को लेकर जो बाजार में ग्लैमर हुआ करता था, अब वह नहीं दिख रहा है। इसके पीछे कारण चाहे जो हो, लेकिन इससे प्राधिकरण के अफसर चिंत्तित जरूर है। क्योंकि 17 फरवरी तक सिर्फ 260 लोगों ने ही पंजीकरण कराया है। वहीं भूखंडों की संख्या यहां सभी सेक्टरों में 250 है।
संपत्ति से जुड़े लोगों के मुताबिक शासनादेश के मुताबिक फ्री होल्ड का 12 फीसद एक साथ जोड़ देना है, खरीददारों को हजम नहीं हो रहा है। पहले प्राधिकरण ने अखबारों व विज्ञापन के जरिए प्रचार प्रसार किया कि योजना 24 हजार प्रति वर्ग मीटर पर खुलेगी, लेकिन विवरण पुस्तिका में रेट 26,880 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से बेचना शुरू किया। हालांकि भूखंड सभी बिक जाएंगे, लेकिन एक भूखंड पर बीस लोगों की दावेदारी जैसे पहले होती थी और फिर लॉटरी के जरिए भूखंड मिलता था, इस बार उतनी मारामारी नहीं है।
हरदोई रोड स्थित बसंत कुंज योजना लविप्रा ने वर्ष 2005 में लांच की थी। कुछ सेक्टरों में भूखंड आवंटित करने के बाद कई मामलों में विवादित रही। यहां दर्जनों आवंटियों ने साठगांठ करके दूसरी योजना में समायोजन करा लिया। साढ़े छह सौ आवंटियों को कब्जा प्राधिकरण डेढ़ दशक बाद अब दे पाया है। अभी इनकी रजिस्ट्री भी शुरू नहीं हुई। वहीं जो भूखंड बसंत कुंज योजना के सेक्टर जे, ओ में लेना चाहता है वह एक बार साइट विजिट पर जरूर पहुंच रहा है। क्योंक 72 वर्ग मीटर का भूखंड भी रजिस्ट्री करवाते वक्त बीस लाख से ऊपर का बैठ रहा है।
साइट विजिट में योजना अभी तक पूरी तरह वीरान है। सिर्फ प्राधिकरण का नाम जुडा है, इसलिए भविष्य को देखते हुए निवेश बुरा नहीं है, लेकिन वर्तमान की कीमतों को खरीददार ज्यादा बता रहे हैं। प्राधिकरण ने 112.50 वर्ग मीटर, 200 व 288 वर्ग मीटर के भूखंडों का पंजीकरण खोला है। सबसे बड़ा भूखंड 74 लाख रुपये तक है।
28 फरवरी तक खुला रहेगा पंजीकरण: सचिव लविप्रा पवन कुमार गंगवार कहते हैं कि बसंत कुंज योजना में जरूरतमंद लोग ही भूखंद खरीदेंगे। इससे प्राधिकरण खुश है। वहीं मूलभूत सुविधाओं के बारे में तर्क है कि आगामी दो से तीन माह में यहां स्थिति बदली हुई नजर आएगी। क्योंकि विकास कार्य से जुड़े सभी टेंडर कर दिए गए हैं। बिजली, सड़क, पार्क सब दुरुस्त कर दिए जाएंगे। उनके मुताबिक 250 भूखंडों के आवंटन बाद फिर से 250 भूखंड का आवंटन निकाला जाएगा, इसके लिए मुख्य नगर नियोजक स्तर से कार्रवाई की जा रही है।