लखनऊ विकास प्राधिकरण के सुलभ आवासों का बुरा हाल, शिकायतों के बाद भी एजेंसी नहीं कर रही काम

लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) द्वारा गोमती नगर विस्तार में बनाए गए सुलभ आवास अपनी आयु पूरी करने से पहले ही जर्जर होने लगे। दर्जनों फ्लैटों में अभी तक लविप्रा कब्जा तक नहीं दे सका उससे पहले जर्जर होने लगे। यही नहीं टॉयलेट का भी बुरा हाल है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 07:15 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 07:15 PM (IST)
लखनऊ विकास प्राधिकरण के सुलभ आवासों का बुरा हाल, शिकायतों के बाद भी एजेंसी नहीं कर रही काम
एलडीए के गोमती नगर विस्तार सेक्टर एक, चार व छह का बुरा हाल।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) द्वारा गोमती नगर विस्तार में बनाए गए सुलभ आवास अपनी आयु पूरी करने से पहले ही जर्जर होने लगे। दर्जनों फ्लैटों में अभी तक लविप्रा कब्जा तक नहीं दे सका, उससे पहले जर्जर होने लगे। कही फ्लैट की छत में सरिया दिख रही है तो कही सीपेज की समस्या है। दरवाजे व खिड़कियां खराब होने के कारण बंद नहीं हो रहे हैं। यही नहीं टॉयलेट का भी बुरा हाल है। इन सब समस्याओं के निस्तारण का जिम्मा लविप्रा ने मैसर्स गीता कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर को दिया था। इसके बाद भी संबंधित एजेंसी ने कुछ नहीं किया। यही नहीं जोन एक के अधिशासी अभियंता द्वारा लगातार एजेंसी से पत्राचार करके चेतावनी दी गई लेकिन कोई असर नहीं हुआ। फिर नवनियुक्त अधिशासी अभियंता अवनींद्र कुमार ङ्क्षसह ने पत्राचार करते हुए कार्रवाई करने की बात कही है। अगर एजेंसी टालमटोल करती है तो समस्त खर्चे जोड़कर वरिष्ठों को अवगत करा दिया जाएगा।

गोमती नगर के सुलभ आवास सेक्टर एक, चार और छह में आवंटियों की शिकायतों का निस्तारण न होने से लविप्रा की छवि धूमिल हो रही है। आवंटी हर दिन अभियंताओं से शिकायत करने के साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों और मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर रहे हैं। फ्लैटो के शेष कार्य न होने से आवंटियों को समय से कब्जा प्राधिकरण नहीं दे पा रहा है। यह स्थिति अत्यंत ङ्क्षचताजनक है। यही नहीं आवंटी उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) में शिकायत कर रहे हैं और लविप्रा को इसका सामना करना पड़ रहा है।

सुलभ आवास के खाली फ्ललैटों पर कब्जा: स्थानीय अवर अभियंता ने अधिशासी अभियंता को अवगत कराया है कि सेक्टर छह स्थित खाली सुलभ आवास के फ्लैटों में गलत तरीके से लोग रह रहे हैं। यही नहीं इन्हें बिजली कनेक्शन भी गलत किराएदारी शपथ पत्र पर प्रीपेड कनेक्शन जारी हो गए हैें। वास्तविक स्थित में फ्लैट का मालिक कोई और है। हालांकि अभी तक अवैध कब्जेदारों को सुलभ आवास से निकाला नहीं गया है। वहीं निवेशक भी सालों से अपने फ्लैटों को देखने की फुर्सत नहीं निकाल पा रहे हैं।

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