Guru Gobind Singh Jayanti 2021: लखनऊ के गुरुद्वारा यहियागंज में ठहरे थे गुरु गोविंद सिंह, हस्त लिखित गुरु ग्रंथ साहिब भी है मौजूद

Guru Gobind Singh Jayanti 2021 यहीं नहीं इसी स्थान पर गुरु तेग बहादुर जी महाराज 1670 यहां आए थे और तीन दिन तक रुके थे। श्रीराम जन्म भूमि की रक्षा व दर्शन के लिए गुरु गोविंद सिंह अयोध्या भी गए थे।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 06:06 AM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 04:30 PM (IST)
Guru Gobind Singh Jayanti 2021: लखनऊ के गुरुद्वारा यहियागंज में ठहरे थे गुरु गोविंद सिंह, हस्त लिखित गुरु ग्रंथ साहिब भी है मौजूद
छह साल की उम्र आए थे राजधानी, दो महीने 13 तक रुके थे।

लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। अयोध्या में श्रीराम के दर्शन व श्रीराम जन्म भूमि की रक्षा के लिए सिखों के 10वें व अंतिम गुरु गोविंद सिंह पटना से अयोध्या आए थे। उसी दौरान उनका राजधानी में आना बताया जाता है। सिख धर्म के जानकार व साहित्यकार डा.एसपी सिंह ने बताया कि 10वें गुरु गोविंद सिंह श्रीराम जन्म भूमि की रक्षा के लिए अयोध्या गए थे और वहां उन्होंने दर्शन के बाद बंदरों को चने भी खिलाए थे। गुरुद्वारा ब्रह्माकुंड में रखे दस्तावेज व तस्वीरें उनके आने की बात कहती हैं।

गुरु गोविंद सिंह का प्रकाशोत्सव 20 जनवरी को मनाया जाएगा। राजधानी के ऐतिहासिक गुरुद्वारा यहियागंज में प्रकाशोत्सव का विशेष महत्व है। यहां गुरु गोविंद सिंह साहिब ठहरे थे। बिहार के पटना साहिब में जन्मे गुरु गोविंद सिंह 1672 में छह वर्ष की आयु में अपनी माता माता गुजरी और मामा कृपाल जी महाराज के साथ आनंदपुर साहिब से पटना साहिब जाते समय दो महीने 13 दिन गुरुद्वारा यहियागंज में ठहरे थे। यहीं नहीं इसी स्थान पर गुरु तेग बहादुर जी महाराज 1670 यहां आए थे और तीन दिन तक रुके थे। गुरु गोविंद सिंह द्वारा हस्त लिखित गुरु ग्रंथ साहिब भी गुरुद्वारे में मौजूद है। हुक्मनामे भी गुरुद्वारे की शोभा बढ़ा रहे हैं।

कायस्थ समाज का जुड़ाव

गुरुद्वारे के सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि जिस समय गुरु महाराज इस स्थान पर आए उस समय इस स्थान की सेवा उदासी संप्रदाय के भाई संगतिया जी कर रहे थे। कायस्थ समाज इस स्थान के पास रहता था। कायस्थ समाज ने गुरु जी की सेवा कर आशीर्वाद प्राप्त किया था।

chat bot
आपका साथी