लखनऊ के छावनी अस्पताल में पीपीपी माडल पर मिलेगा सस्ता इलाज, जानें क्‍या-क्‍या मिलेंगी सुविधाएं

अस्पताल में पीपीपी माडल पर उपचार की सुविधा एक जुलाई से शुरू होगी। इसके लिए निजी फर्म व छावनी परिषद के बीच एक एमओयू भी किया गया है। हालांकि पांच व 10 रुपये के पर्चे पर यहां हो रहे निश्शुल्क उपचार की व्यवस्था पूर्व की तरह ही रहेगी।

By Mahendra PandeyEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 09:08 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 09:08 AM (IST)
लखनऊ के छावनी अस्पताल में पीपीपी माडल पर मिलेगा सस्ता इलाज, जानें क्‍या-क्‍या मिलेंगी सुविधाएं
छावनी परिषद के जनरल अस्‍पताल में सस्‍ते इलाज की तैयारी

लखनऊ, जेएनएन। छावनी परिषद के सदर बाजार स्थित जनरल अस्पताल में अब पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) माडल पर उपचार करने की तैयारी है। यहां अस्पताल के एक हिस्से में गर्भवती के प्रसव और आम रोगियों का उपचार होगा। अस्पताल में पीपीपी माडल पर उपचार की सुविधा एक जुलाई से शुरू होगी। इसके लिए निजी फर्म व छावनी परिषद के बीच एक एमओयू भी किया गया है। हालांकि पांच व 10 रुपये के पर्चे पर यहां हो रहे निश्शुल्क उपचार की व्यवस्था पूर्व की तरह ही रहेगी।

छावनी परिषद का सदर अस्पताल 60 बेड का है। यहां अभी केवल सामान्य प्रसव की ही व्यवस्था है। निजी फर्म अस्पताल के 60 बेड को तीन हिस्सों में बांटेगी। जिसमें 20 बेड का वार्ड प्रसूताओं के लिए, 20 बेड कोविड व नान कोविड जबकि 20 बेड का जनरल वार्ड होगा। पीपीपी माडल के तहत सीजीएचएस की दर पर गर्भवती महिलाओं का आपरेशन से प्रसव की दर 14,200 रुपये और सामान्य प्रसव की दर 4,500 रुपये होगी, जिसमें उनके तीन दिन भर्ती और दवा सहित सभी तरह के शुल्क शामिल होंगे। इसके अलावा अस्पताल में वेंटीलेटर व आइसीयू भी होगा। वेंटीलेटर का शुल्क प्रतिदिन 1,800 और आइसीओ का शुल्क 1,600 रुपये तय किया गया है। दवाओं का खर्च अलग से देना होगा। यहां एक पैथालाजी खोलने की भी तैयारी है। यह अस्पताल 24 घंटे काम करेगा। जिसमें शाम महिला रोग विशेषज्ञ डाक्टर की फ्री ओपीडी होगी। इसके अलावा पोस्ट कोविड बीमारियों से परेशान मरीजों की कार्डियोलोजी, गैस्ट्रो, न्यूरोलोजी व नेफ्रोलोजी की ओपीडी भी निश्शुल्क होगी। अस्पताल में कोरोना की तीसरी संभावित लहर को देखते हुए पीकू व एनआइसीयू की व्यवस्था भी होगी।

कम दर पर बेहतर उपचार देने के लिए पीपीपी माडल लागू किया जा रहा है। एक जुलाई से यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी। अब तक मिल रहीं निश्शुल्क उपचार की सुविधा पूर्व की तरह रहेगी।- विकास कुमार, मुख्य अधिशासी अधिकारी (छावनी परिषद)

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