Allahabad High Court News: लखनऊ बेंच का आदेश, तीन माह में भरें रेडियो पुलिस में वर्कशाप हेड के पद

याचीगण ने रेडियो पुलिस में वर्कशाप हेड के पदों पर भर्ती के लिए 2015 में बनी नियामवली को प्रभावी करने की मांग की थी। उनका तर्क था कि पद चूंकि वर्ष 2016 से पहले खाली हो चुके थे इसलिए उनके सापेक्ष भर्तियां वर्ष 2015 की नियमावली के अनुसार की जाएं।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 09:20 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 06:51 AM (IST)
Allahabad High Court News: लखनऊ बेंच का आदेश, तीन माह में भरें रेडियो पुलिस में वर्कशाप हेड के पद
हाई कोर्ट ने वर्ष 2016 की नियमावली के अनुसार प्रोन्नति करने का दिया आदेश।

लखनऊ, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने यूपी रेडियो पुलिस विभाग मेें चतुर्थ श्रेणी के योग्य कर्मचारियों का वर्कशाप हेड के पद पर प्रमोशन करने के आदेश दिए हैं। यह प्रोन्नति यूूपी पुलिस रेडियो अधीनस्थ सेवा नियमावली 2016 के नियमों के तहत करने को कहा गया है। कोर्ट ने विभाग में खाली पदों के लिए यथासंभव तीन महीने में प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए हैं।

जस्टिस राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने यह आदेश मु.निजामुददीन व अन्य की ओर से अलग-अलग दाखिल दो रिट याचिकाओं को एक साथ निस्तारित करते हुए पारित किया। याचीगण ने रेडियो पुलिस में वर्कशाप हेड के पदों पर भर्ती के लिए 2015 में बनी नियामवली को प्रभावी करने की मांग की थी। उनका तर्क था कि पद चूंकि वर्ष 2016 से पहले खाली हो चुके थे, इसलिए उनके सापेक्ष भर्तियां वर्ष 2015 में बनी नियमावली के अनुसार की जाएं। पीठ ने सुनवायी के बाद कहा कि याचीगणों की इस मांग में बल नहीं है। कोर्ट ने कहा कि अभ्यर्थियों के वर्कशाप हेड के पद पर नियुक्ति के लिए योग्यता में पूर्व व वर्तमान में बनी नियमावली में कोई अंतर नहीं है, अत: यही उचित होगा कि ये पद 2016 में बनी नियमावली के अनुसार ही भरे जाएं।

थानाध्यक्ष हसनगंज को नोटिस जारी : वर्ष 1979, 1982 1984, 1993 व 2003 में राजधानी के विभिन्न थानों से संबधित आपराधिक मामलों में पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा समेत अन्य अभियुक्तों के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट का तामीला नहीं होने पर एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने सख्त रुख अख्तियार किया है। विशेष जज पवन कुमार राय ने इस मामले में थानाध्यक्ष हजरतगंज व चौक के खिलाफ प्रकीर्ण वाद दर्ज कर नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। जबकि थानाध्यक्ष हसनगंज को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पूछा है कि अदालत के आदेश की अवहेलना में क्यों न प्रकीर्ण वाद दर्ज कर विधिक कार्यवाही की जाए। पांच दिन में उपस्थित होकर स्पष्ट करें। उन्होंने इसके साथ ही इन सभी थानाध्यक्षों को अभियुक्तों के खिलाफ पूर्व में जारी वारंट का तामीला सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई दो नवंबर को होगी। वर्ष 1979 व 1982 का मामला थाना हसनगंज, वर्ष 1984 व 2003 का मामला थाना हजरतगंज जबकि वर्ष 1993 का मामला थाना चौक से संबधित है।

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