खाद्य तेलों के बार-बार इस्तेमाल पर लगेगी रोक, बायोडीजल बनाने में इस्तेमाल करेगा लखनऊ प्रशासन

ऐसे तेल का इस्तेमाल बायोडीजल बनाने में होगा जिसके लिए प्रशासन विशेष अभियान शुरू करने जा रहा है। होटल रेस्टोरेंट ढाबा फूड स्टाल और नमकीन बनाने वाली फैक्ट्रियों में ऐसे ही हानिकारक तेलों को इस्तेमाल किया जा रहा है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 09:12 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 06:54 AM (IST)
खाद्य तेलों के बार-बार इस्तेमाल पर लगेगी रोक, बायोडीजल बनाने में इस्तेमाल करेगा लखनऊ प्रशासन
तीन बार से अधिक गरम करने के बाद खाने लायक नहीं रहता तेल

लखनऊ, जागरण संवाददाता। खाद्यय तेलों को बार-बार गरम कर इस्तेमाल करने पर सख्ती से रोक लगेगी। कई बार गर्म कर तेल के इस्तेमाल से सेहत खराब होने का गंभीर खतरा हो सकता है। ऐसे तेल का इस्तेमाल बायोडीजल बनाने में होगा जिसके लिए प्रशासन विशेष अभियान शुरू करने जा रहा है। होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, फूड स्टाल और नमकीन बनाने वाली फैक्ट्रियों में ऐसे ही हानिकारक तेलों को इस्तेमाल किया जा रहा है। तेल को कई बार गरम करने पर उसका टोटल पोलर कंपाउंड अधिक हो जाता है और उसमें हानिकारक तत्व पैदा हो जाते हैं। अभिहीत अधिकारी एसपी सिंह के मुताबिक बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में करीब पचास से अधिक कारोबारियों ने बायोडीजल बनाने वाली कंपनी से करार किया है। बीते कुछ वर्षों से यूज्ड ऑयल से बायो डीजल बनाया जा रहा है।

मोबाइल एप पर होगी सुविधा

इस्तेमाल हो चुके तेल को कारोबारी बायोडीजल कंपनी को आसानी से बेच सकेंगे। इसके लिए कंपनी के ऑयल ब्रदर्स एप पर कारोबारी उपलब्ध तेल की मात्रा को फीड कर सकते हैं। कंपनी उपलब्ध तेल को रिफाइंनरी तक पहुंचाने की व्यवस्था करेगी। खास बात है कि कारोबारियों को इस इस्तेमाल हो चुके तेल के बदले पैसे भी मिलेंगे।

25 डिग्री टीपीसी होता है खतरनाक

एफएसडीए खाद्य तेलों की जांच को विशेष अभियान चलाने जा रहा। टोटल पोलर कंपाउंड...टीपीसी.. मशीन से खाद्यय तेल की जांच होगी। अगर तेल का टीपीसी 25 डिग्री से अधिक मिला तो उसे हानिकारक करार देकर इस्तेमाल करने से रोक दिया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकतम तीन बार तेल को गर्म करने उसका टीपीसी 25 से अधिक हो जाता है जो खाने लायक नहीं रहता है।

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