Fraud: लखनऊ अपर नगर आयुक्त ने 90 दिन में खाली कर दिया सालभर का बजट, अधिकारी से काम वापस; जांच में निकली बड़ी पैमाने पर गड़बड़ी

लखनऊ में वाहनों के उपकरण समेत अन्य उपकरणों की खरीद में तीन माह में ही 16 करोड़ रुपये खपाने के मामले में कार्रवाई जारी है। जांच प्रभावित न हो इसके लिए अपर नगर आयुक्त अमित कुमार से महत्वपूर्ण कार्य केंद्रीय कार्यशाला का प्रभार वापस ले लिया गया है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 08:47 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 12:26 PM (IST)
Fraud: लखनऊ अपर नगर आयुक्त ने 90 दिन में खाली कर दिया सालभर का बजट, अधिकारी से काम वापस; जांच में निकली बड़ी पैमाने पर गड़बड़ी
अपर नगर आयुक्त से अधिक खरीद में अधिकारी से काम वापस।

लखनऊ जागरण संवाददाता। वाहनों के उपकरण समेत अन्य उपकरणों की खरीद में तीन माह में ही 16 करोड़ रुपये खपाने के मामले में कार्रवाई जारी है। जांच प्रभावित न हो, इसके लिए अपर नगर आयुक्त अमित कुमार से महत्वपूर्ण कार्य केंद्रीय कार्यशाला का प्रभार वापस ले लिया गया है। अब उनके पास मार्ग प्रकाश, भवन कर समेत पूर्व में आवंटित कार्य ही रहेंगे। इससे पूर्व अमित कुमार से केंद्रीय कार्यशाला का वित्तीय अधिकार भी ले लिया गया था। दैनिक जागरण ने ही इस घपले की खबर को प्रकाशित किया था।

प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आने पर ही यह बदलाव किया गया है। नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि 18 नवंबर 2020 के आदेश से अपर नगर आयुक्त अमित कुमार द्वारा देखे जा रहे केंद्रीय कार्यशाला संबंधी कार्यों को वापस ले लिया गया है। अब केंद्रीय कार्यशाला का प्रभार अपर नगर आयुक्त राकेश यादव को दिया गया है। राकेश यादव पूर्व में आवंटित कार्यों को भी देखते रहेंगे। इससे पूर्व आरआर के स्टोर लिपिक अनिल कुमार को भी वहां से हटाते हुए विधि विभाग में तैनात किया जा चुका है।

90 दिन में खाली कर दिया सालभर का खजाना: चालू वित्त वर्ष में जो बजट साल भर के लिए था, उसे 90 दिन में ही खर्च कर दिया गया था। दैनिक जागरण में छपी खबर ‘90 दिन में साल भर का बजट खत्म’ खबर की जांच नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने कराई तो घपला सामने आ गया था। सोलह करोड़ के बजट को वित्तीय स्वीकृति भी अपर नगर आयुक्त स्तर से दे दी गई थी। इस बजट से साल भर वाहनों की मरम्मत और पुजरें की खरीद की जानी थी।

तब अफसरों ने दूसरे कर्मचारियों पर फोड़ दिया था ठीकरा: पिछले सालों में भी महंगी दरों पर पुर्जे खरीदने का मामला सामने आया था लेकिन अधिकारियों ने खुद की गर्दन बचाते हुए दूसरों पर ही ठीकरा फोड़ दिया था, जबकि खरीदारी से लेकर भुगतान तक में अधिकारियों की भी भूमिका अहम रही थी।

नगर निगम में पहली बार आठ जोन में से चार महिला अधिकारियों को जोनल अधिकारी का जिम्मा दिया गया है। जोनल अधिकारी का काम देख रहे कर अधीक्षकों को मूल पदों पर भेजा गया गया है। आदेश नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने जारी किया है।

कुछ माह पूर्व समीक्षा बैठक के दौरान नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी से भिड़ंत के कारण जोनल अधिकारी जोन छह से हटाईं गईं कर निर्धारण अधिकारी अम्बी बिष्ट को जोनल अधिकारी तीन बनाया गया है। पहले उन्हें जोन सात का चार्ज दिया गया था। उनसे पूर्व में आवंटित कार्यो को वापस ले लिया गया है। अम्बी बिष्ट पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की समधन हैं। संयुक्त नगर आयुक्त अवनींद्र कुमार सिंह को पूर्व में दी गई जिम्मेदारियों के साथ जोनल अधिकारी एक का प्रभार दिया गया है। जोनल अधिकारी एक का काम देख रहे दिलीप श्रीवास्तव को जोन सात का कर अधीक्षक बनाया गया है। जोनल अधिकारी छह का काम देख रहीं सहायक नगर आयुक्त प्रज्ञा सिंह को जोनल अधिकारी सात बनाया गया है। कर निर्धारण अधिकारी डा. बिन्नो अब्बास रिजवी को जोनल अधिकारी छह बनाया गया है। वह करीब एक साल तक स्थानीय निकाय निदेशालय से संबंद्ध थीं और कुछ दिन पहले ही नगर निगम में वापसी हुई हैं।

जोनल अधिकारी तीन रहे राजेश सिंह को जोन एक में कर अधीक्षक बनाया गया है। जोनल अधिकारी सात रहे चंद्रशेखर यादव को जोन छह में कर अधीक्षक बनाया गया है। अजीत कुमार राय को जोन तीन का कर अधीक्षक और आरआर विभाग का कनिष्ठ प्रभार दिया गया है।

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