19 फरवरी से पहले तय होगा UP रोड सेफ्टी का LOGO, 1368 लोगों ने ऑनलाइन भेजे डिजाइन
लखनऊ सड़क सुरक्षा (रोड सेफ्टी) मैस्कट की डिजाइन बनाने में आमजनों की जोरदार भागीदारी आई सामने। जिस प्रतिभागी की डिजाइन तय होगी उसका रोड सेफ्टी माह के समापन दिवस पर किया जाएगा सम्मान। विजेता प्रतिभागी को 20000 रुपये का पुरस्कार मिलेगा।
लखनऊ, जेएनएन। करीब सात साल बाद पहली बार तैयार किए जा रहे सड़क सुरक्षा 'लोगो' (रोड सेफ्टी मैस्कट) की डिजाइन बनाने में आमजनों की जोरदार भागीदारी सामने आई है।14 की शाम लॉक हुई वेबसाइट में 1368 लोगों ने अपने-अपने डिजाइन बना ऑनलाइन मुख्यालय भेज दिए हैं। चयन के लिए बनाई गई ज्यूरी 19 फरवरी से पहले लोगो का डिजाइन तय करेगी। चयनित किए गए विजेता प्रतिभागी को 20,000 रुपये का पुरस्कार सड़क सुरक्षा समापन दिवस पर दिया जाएगा।
हादसों में कमी लाने के लिए साल 2014 में परिवहन विभाग, रोडवेज, यातायात पुलिस, लोनिवि, स्वास्थ्य, शिक्षा समेत विभिन्न महकमों के साथ रोड सेफ्टी विंग ने काम शुरू किया था। इसके तहत लोगों और स्कूली बच्चों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं, प्रवर्तन समेत तरह-तरह के आयोजन किए जा रहे हैं। बावजूद इसके अभी तक सड़क सुरक्षा का अन्य विभागों की तरह कोई लोगो नहीं था। इसे लेकर अब परिवहन विभाग ने आमजनों की भागीदारी से सड़क सुरक्षा के लोगो का डिजाइन बना रहा है। इसे लेकर बीती 29 जनवरी से ऑनलाइन प्रतियोगिता चल रही है। इसी के तहत 25 साल की उम्र तक के लोगों ने रोड सेफ्टी लोगो तैयार कर मुख्यालय भेजा है। मुख्यालय पहुंचे 1368 डिजाइन को देखने के बाद इनमें से एक का चयन किया जाएगा। चयनित होने के बाद सड़क सुरक्षा (रोड सेफ्टी) का भी अपना 'लोगो' होगा जिससे इसकी अलग पहचान होगी। 'दैनिक जागरण' ने तकरीबन सात साल बाद रोड सेफ्टी 'लोगो'(मैस्कट) बनाए जाने की खबर प्रकाशित की थी। अब उस पर मुहर लगने जा रही है।
विजयी प्रतिभागी को मिलेगा 20,000: सेफ्टी माह के समापन दिवस पर लोगो बनाने वाले चयनित प्रतिभागी को 20,000 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
जल्द ही ज्यूरी करेगी चयन: उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त धीरज साहू के मुताबिक, आमजनों की भागीदारी से भारी संख्या में सड़क सुरक्षा 'लोगो' के डिजाइन ऑनलाइन आ गए हैं। जल्द ही ज्यूरी इसका चयन करेगी जिस प्रतिभागी का चयन हो जाएगा उसे आगामी बीस फरवरी को सड़क सुरक्षा समापन समारोह कार्यक्रम में पुरस्कृत किया जाएगा। यह पहला मौका है जब सड़क सुरक्षा की अपनी पहचान बनाने वाला 'मैस्कट' होगा।