Hotel Virat Fire Case in Lucknow: पहले होती कार्रवाई तो नहीं होता इतना भयानक हादसा, शासन को भेजी अभियंताओं की सूची
Hotel Virat Fire Case in Lucknow 23 दिसंबर 2010 में लविप्रा के तत्कालीन विहित प्राधिकारी ने होटल एसएसजे इंटरनेशनल को गिराने के लिए जारी किया था नोटिस। होटल विराट को मानचित्र के पूरी तरह विपरीत होने के कारण मंगलवार से उसेे गिराया जा रहा है।
लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) ने अगर 10 साल पहले नाका स्थित होटल एसएसजे इंटरनेशनल पर कार्रवाई की होती तो अग्निकांड में सात लोगों की जान न जाती। अभियंताओं व होटल मालिकों की मिलीभगत अग्निकांड का मुख्य कारण बनी। 23 दिसंबर 2010 में लविप्रा के तत्कालीन विहित प्राधिकारी ने एसएसजे इंटरनेशनल को गिराने का नोटिस जारी किया था, लेकिन प्राधिकरण के प्रवर्तन विभाग के पूर्व अभियंताओं ने आदेश की अवहेलना की। होटल एसएसजे इंटरनेशनल और होटल विराट में अग्निकांड की शासन को भेजी गई रिपोर्ट में भी ये बात कही गई है। इन दस वर्षों में नाका स्थित मुन्नी लाल धर्मशाला रोड पर बने एसएसजे इंटरनेशनल होटल पर कार्रवाई भी हो सकती थी। उधर, होटल एसएसजे का शमन मानचित्र 26 अगस्त 2020 को शमन योजना 2020 के तहत बेसमेंट व जी प्लस थ्री एकल आवासीय योजना के लिए स्वीकृत कर दिया गया। वहीं, उसके बगल में स्थित होटल विराट को मानचित्र के पूरी तरह विपरीत होने के कारण मंगलवार से उसेे गिराया जा रहा है।
दबती चली गई फाइल
दस साल पहले प्राधिकरण के विहित प्राधिकारी ने एसएसजे होटल को नोटिस जारी किया था। इसमें उल्लेख किया गया था कि भवन स्वामी द्वारा तीन हजार स्क्वायर फीट के परिसर में सेट बैक छोड़े बिना पूरा निर्माण कर लिया गया है, जो अवैध है। इसका मामला विहित प्राधिकारी के यहां चला, लेकिन विपक्षी कोर्ट नहीं गए और न ही कोई साक्ष्य दिखाया। तभी अनधिकृत निर्माण को गिराने के आदेश दिए गए थे। इसके बाद फाइल दबती चली गई।
इन अभियंताओं की शासन में भेजी गई सूची
लविप्रा के अधिकारियों ने बताया कि नाका के दो होटलों (एसएसजे इंटरनेशनल और विराट) में हुए अग्निकांड में जिन अभियंताओं की सूची शासन को भेजी गई है, उनमें लविप्रा के निम्न अभियंताओं के नाम शामिल हैं-अवर अभियंता मोहन चंद्र सती, धन्नी राम, लालजी शुक्ला, जनार्दन सिंह, गजराज सिंह, प्रमोद कुमार वर्मा, अनिल कुमार सिंह द्वितीय, अरविंद उपाध्याय, पीएन पांडेय, वीके गुप्ता, रवींद्र सिंह, अनिल कुमार सिंह प्रथम, अनिल मिश्रा। इसी तरह सहायक अभियंताओं में अजीत कुमार, राजेंद्र कुमार, बसंत कुमार, राकेश कुमार, आलोक रंजन, ओपी गुप्ता। अधिशासी अभियंताओं में प्रदीप कुमार, आरके शुक्ला, डीसी यादव, अजय कुमार सिंह, दुर्गेश श्रीवास्तव, अरुण कुमार सिंह और अजय कुमार सिंह शामिल हैं।
यह था मामला
19 जून 2018 को नाका स्थित होटल एसएसजे इंटरनेशनल के एसी प्लांट से आग फैली। इस आग की चपेट में एसएसजे के बगल में स्थित होटल विराट भी आ गया था। इस अग्निकांड में दोनों होटलों में सात लोगों की मौत हो गई थी। उस समय शासन ने एडीजी और लविप्रा के उपाध्यक्ष के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की थी। कमेटी ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की थी। बिजली विभाग द्वारा पहले ही चार अभियंताओं को निलंबित किया जा चुका है। वहीं, लविप्रा द्वारा अपने अभियंताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब सीएम कार्यालय से वर्ष 2010 से 2017 के बीच लविप्रा के प्रवर्तन विभाग में तैनात रहे अभियंताओं की सूची मांगी गई है। माना जा रहा है दोषियों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी।