Good News: लखनऊ में सस्ता आशियाना पाने का एक और सुनहरा मौका, जान‍िए क‍िसे और कैसे म‍िलेगा लाभ

कोरोना काल के चलते लाइट हाउस को पाने को लेकर पंजीकरण करने वालों की संख्या कम होने से अब समय सीमा को बढ़ाकर 15 जुलाई तक कर दिया गया है। लाइट हाउस पाने की पात्रता रखने वाले ही इस अवधि में ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 05:32 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 12:53 PM (IST)
Good News: लखनऊ में सस्ता आशियाना पाने का एक और सुनहरा मौका, जान‍िए क‍िसे और कैसे म‍िलेगा लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में अवध विहार योजना में लाइट हाउस की आधारशिला रखी थी।

लखनऊ, जेएनएन। अगर आपकी हर माह की आय 25 हजार तक है और 5.26 लाख रुपये में फ्लैट लेना चाहते हैं तो 15 जुलाई तक का एक और मौका दिया गया है। कोरोना काल के चलते लाइट हाउस को पाने को लेकर पंजीकरण करने वालों की संख्या कम होने से अब समय सीमा को बढ़ाकर 15 जुलाई तक कर दिया गया है। लाइट हाउस पाने की पात्रता रखने वाले ही इस अवधि में ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। आवास विकास परिषद की अवध विहार योजना में यह लाइट हाउस बनाए जाने हैं, जिसकी आधारशिला एक जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुवल रख चुके हैं। कुल 1044 फ्लैट बनाए जाने हैं और अभी तक आठ सौ ने ही पंजीकरण किया है जो उपलब्ध फ्लैट की संख्या से कम है।

यह है योजना : आवास विकास परिषद की अवध विहार योजना के सेक्टर-पांच में भूखंड संख्या जी-एच -4 की दो हेक्टेयर भूमि पर लाइट हाउस बनाए जाएंगे। आवास विकास परिषद ने पहले से ही सड़क, सीवर, जलापूर्ति और बिजली की व्यवस्था कर रखी है। कुल 1040 फ्लैट का निर्माण होगा। 34.50 वर्गमीटर कॉरपेट एरिया है भवन का सुपर एरिया 38.38 वर्गमीटर भवन की कुल लागत 12,58,654 रुपये केंद्रीय अंशदान 5. 50 लाख रुपये राज्य सरकार का अंशदान 2.33 लाख रुपये लाभार्थी को 4,75,654 रुपये ही देना होगा। अधिक लाभार्थी आने पर लाटरी से होगा आवंटन

यह होंगे पात्र : 

आवेदन करने वाले के नाम से अथवा उनके परिवार में पति, पत्नी और आश्रित बच्चों के नाम देश के किसी भी भाग में पक्का मकान नहीं होना चाहिए।  सालाना आय तीन लाख रुपये की आय वाले ही आवेदन कर सकेंगे। इसका शपथ पत्र देना होगा कि नगर निगम सीमा का निवासी होना अनिवार्य है और कोई अपना आवास नहीं है 

इन्हें मिलेगी प्राथमिकता

वर्टिकल वरीयता : अनुसूचित जाति 21 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति दो प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग 27 प्रतिशत हारिजेंटल वरीयता : दिव्यांगजन पांच प्रतिशत (भूतल के भवन व फ्लैट), विधवा व एकल महिला आठ प्रतिशत। उभयलिंगी पांच प्रतिशत। अल्पसंख्यक अन्य पिछड़ा वर्ग में पूर्व से अनुमन्य हैं। वरिष्ठ नागरिक दस प्रतिशत (भूतल के भवन व फ्लैट)।
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