लखनऊ में सादगी से मना गुरु तेग बहादुर का प्रकाशोत्सव, कोरोना मुक्ति के लिए घरों में किया सिमरन

गुरु तेग़ बहादुर को हिंद दी चादर भी कहा जाता है। कहा जाता है क‍ि जब औरंगज़ेब कश्मीरी पंडितों को ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तन करा रहा था तब पंडित कृपा राम की अगुवाई में 500 कश्मीरी पंडितों का जत्था गुरु जी की सहायता के लिए आनंदपुर साहिब आया।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 01 May 2021 03:36 PM (IST) Updated:Sat, 01 May 2021 03:36 PM (IST)
लखनऊ में सादगी से मना गुरु तेग बहादुर का प्रकाशोत्सव, कोरोना मुक्ति के लिए घरों में किया सिमरन
प्रकाशोत्सव के दौरान गरीबोें के लिए गुरुद्वारे के बाहर लंगर लगाया गया।

लखनऊ, जेएनएन। सिखों के नवें गुरु हिंद की चादर गुरु तेग बहादुर जी महाराज का 400वां प्रकाशोत्सव शनिवार को सादगी से मनाया गया। कोरोना संक्रमण के चलते गुरुद्वारों में सिर्फ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों की मौजूदगी में मुख्य ग्रंथी ने प्रकाश किया। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से गुरुद्वारा नाका हिंडोला में शबद कीर्तन के साथ बाल संगतों को सम्मानित किया गया।

लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेेंद्र सिंह बग्गा ने सभी को सम्मानित कर गुरु के बताए रास्ते पर चलने का संदेश दिया। इससे पहले फूलों से सजे दीवान हाल में सुबह सुखमनी साहिब के पाठ प्रकाशोत्सव की शुरुआत हुई। रागी जत्था भाई राजिंदर सिंह शबद पेश किया तो मुख्य ग्रंथी ज्ञानी सुखदेव सिंह जी ने गुरु तेग बहादुर साहिब जी के जीवनी पर प्रकाश डाला। सतपाल सिंह मीत के संचालन में आयोजित प्रकाशोत्सव के दौरान गरीबोें के लिए गुरुद्वारे के बाहर लंगर लगाया गया। महामंत्री हरमिंदर सिंह टीटू हरविंदरपाल सिंह नीटा व कुलदीप सिंह ने लंगर सेवा की। गुरुद्वारा यहियागंज के सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि सुबह फूलों से सजे दीवान हाल में प्रकाश किया गया।

गुरुद्वारा मानसरोवर कानपुर रोड के अध्यक्ष संपूर्ण सिंह बग्गा, गुरुद्वारा आलमबाग के निर्मल सिंह, गुरुद्वारा आशियाना में जगमोहन सिंह, गुरुद्वारा चंदरनगर में मनमोहन सिंह, गुरुद्वारा इंदिरानगर में जसवंत सिंह, गुरुद्वारा राजाजीपुरम में डा.सत्येंद्र पाल सिंह की ओर से विशेष प्रकाश किया गया। गुरुद्वारा नानक प्याऊं, गुरुद्वारा गोमतीनगर,निशातगंज, लाजपतनगर, बुड्ढा साहिब सहित सभी गुरुद्वारों में प्रकाश किया गया। वहीं कृष्णानगर में जसविंदर सिंह जस्सी, आलमबाग में त्रिलोचन सिंह व परमिंदर सिंह, पटेलनगर में राजिंदर सिंह ने घरों में परिवार के साथ सिमरन कर कोरोना मुक्ति की कामना की। वहीं गुरुद्वारा सदर के अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी की ओर से कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए मुफ्त चिकित्सीय सलाह की शुरुआत फोन पर की गई।

इसलिए कहा जाता है हिंद की चादर

गुरु तेग़ बहादुर को हिंद दी चादर भी कहा जाता है। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने बताया कि जब औरंगज़ेब कश्मीरी पंडितों को ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तन करा रहे थे तो पंडित कृपा राम की अगुवाई में 500 कश्मीरी पंडितों का जत्था गुरु जी की सहायता मांंगने के लिए आनंदपुर साहिब आया। उन्होंने अपने नौ वर्षीय पुत्र गोविंद राय से विचार विमर्श करके औरंजेब को संदेश भेजवाया की यदि वह गुरु को इस्लाम स्वीकार करवा सकता है, तो सभी हिंदू इस्लाम क़बूल कर लेंगें। गुरु को उनके तीन शिष्यों भाई सती दास, मती दास और दयाला जी के साथ आगरा के गुरुद्वारा से गिरफ़्तार करके चांदनी चौक दिल्ली लाया गया और कठोर यातनाएं दीं। 24 नवंबर 1675 को उनका सिर कलम कर दिया गया। गुरु तेग बहादुर के इस बलिदान व हिंदुओं की रक्षा के लिए उन्हें हिंद दीं चादर की संज्ञा दी गई। 

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