यूपी में धान खरीद में मौसम बना खलनायक, पिछले साल की तुलना में कम किसानों ने कराया रजिस्ट्रेशन

यूपी में बीते दिनों हुई अत्यधिक बारिश ने गेहूं की फसल की कटाई पर असर डाला है। गेहूं की कटाई प्रभावित होने से गेहूं की सरकारी खरीद भी प्रभावित हुई है। गेहूं बेचने के लिए पिछले साल की तुलना में इस बार कम किसानों ने आनलाइन पंजीकरण कराया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 07:41 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 07:43 PM (IST)
यूपी में धान खरीद में मौसम बना खलनायक, पिछले साल की तुलना में कम किसानों ने कराया रजिस्ट्रेशन
बारिश होने के कारण किसान फसल को संभालने और बचाने में लगे रहे। इस वजह से पंजीकरण कम हुआ है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में बीते दिनों हुई अत्यधिक व बेमौसम बारिश ने गेहूं की फसल की कटाई पर असर डाला है। गेहूं की कटाई प्रभावित होने से गेहूं की सरकारी खरीद भी प्रभावित हुई है। गेहूं बेचने के लिए पिछले साल की तुलना में इस बार कम किसानों ने आनलाइन पंजीकरण कराया है। पंजीकरण को रफ्तार देने के लिए खाद्य विभाग ने अब उचित दर विक्रेताओं के माध्यम से भी किसानों का रजिस्ट्रेशन कराने का निर्णय लिया है। किसान अब मोबाइल एप के जरिये भी आनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। खाद्य विभाग ने 100 क्विंटल तक धान बिक्री को भूमि सत्यापन से मुक्त कर दिया है।

धान खरीद के लिए इस बार बीते शनिवार तक 2.98 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया था जबकि पिछले साल इसी अवधि में पांच लाख किसान पंजीकरण करा चुके थे। बारिश का असर धान खरीद पर भी पड़ा है। बीते शनिवार तक प्रदेश में 22570 टन धन खरीदा गया था।

खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बीते दिनों प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई भारी बारिश के कारण गेहूं की कटाई प्रभावित हुई है। पश्चिमी उप्र के कई जिलों में गेहूं की कटाई नहीं हो पाई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में जहां गेहूं की सरकारी खरीद एक नवंबर से शुरू होती है, वहां पिछले साल गेहूं की आवक होने से गेहूं की खरीद 15 अक्टूबर से ही शुरू करनी पड़ी थी। बारिश होने के कारण किसान फसल को संभालने और बचाने में लगे रहे। इस वजह से पंजीकरण कम हुआ है। धान खरीद पर भी इसका असर पड़ा है।

इसलिए खाद्य एवं रसद विभाग ने कृषकों का पंजीकरण उनके निकटतम उचित दर विक्रेताओं के माध्यम से भी कराने का फैसला किया है। पंजीकरण के इच्छुक किसान की ओर से अभिलेखों सहित उचित दर विक्रेता से संपर्क करने पर वह मोबाइल फोन, टैबलेट, डेस्कटाप कंप्यूटर, लैपटाप के माध्यम से उनका आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराएगा। आयुक्त खाद्य एवं रसद ने भी जिलाधिकारियों व जिला पूर्ति अधिकारियों को इस बार में निर्देश जारी कर दिए हैं। 

धान खरीद के लिए किसान अब मोबाइल एप के जरिये भी पंजीकरण करा सकते हैं। इसके लिए नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर ने 'यूपी किसान' एप विकसित किया है। यह मोबाइल एप एंड्रायड आधारित स्मार्टफोन पर चल सकेगा और गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।

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