Leopard Attack in Bahraich: इलाज कराकर वापस आ रहे बच्‍चे पर तेंदुए ने किया हमला, बेटे को बचाने के लिए पिता ने किया संघर्ष; मासूम ने तोड़ा दम

कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मोतीपुर रेंज के चंदनपुर के खाले बढ़ैया में तेंदुए के हमले में मासूम की मौत हो गई। वह अपने पिता के साथ निजी चिकित्सक के यहां से इलाज कराकर लौट रहा था। ग्रामीणों ने घटना की सूचना वन विभाग को दी।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 02:44 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 02:58 PM (IST)
Leopard Attack in Bahraich: इलाज कराकर वापस आ रहे बच्‍चे पर तेंदुए ने किया हमला, बेटे को बचाने के लिए पिता ने किया संघर्ष; मासूम ने तोड़ा दम
बहराइच में तेंदुए के हमले में मासूम की मौत।

बहराइच, संवादसूत्र। कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मोतीपुर रेंज के चंदनपुर के खाले बढ़ैया में तेंदुए के हमले में मासूम की मौत हो गई। वह अपने पिता के साथ निजी चिकित्सक के यहां से इलाज कराकर लौट रहा था। बच्‍चे की मौत से परिवार में मातम छा गया है।

खाले बढ़ैया निवासी राममनोरथ अपने छह वर्षीय पुत्र अभिनंदन का इलाज कराने गांव से थोड़ी दूर स्थित निजी चिकित्सक के यहां गए थे। इलाज कराकर पिता-पुत्र वापस घर लौट रहे थे। सड़क किनारे लगे गन्ने के खेत में छिपे तेंदुए ने अभिनंदन पर हमला कर दिया। तेंदुए के हमले में गंभीर रूप से घायल अभिनंदन को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसने दमतोड़ दिया। ग्रामीणों ने घटना की सूचना वन विभाग को दी।

प्रभागीय वनाधिकारी आकाशदीप बधावन के निर्देश पर प्रशिक्षु पीएफएस अधिकारी अमित कुमार सिंह, मोतीपुर वन क्षेत्राधिकारी महेंद्र मौर्य, वन दारोगा परिक्रमादीन, राजाराम, स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के जवान दयानंद कुशवाहा ने घटनास्थल का जायजा किया। गोला-पटाखा दगा कर तथा हांका लगाकर तेंदुए को भगाने का प्रयास किया।

पिता का संघर्ष भी नहीं बचा सका जान:खांसी, सर्दी, जुकाम व बुखार से पीड़ित बेटे का इलाज कराकर रात में लौट रहे राममनोरथ को कुछ समय के लिए जिगर के टुकड़े पर हुए तेंदुए के हमले ने चेतना शून्य कर दिया, लेकिन हिम्मत जुटाकर उन्होंने तेंदुए के जबड़े में फंसे कलेजे के टुकड़े को छुड़ाने के लिए गोहार लगाते हुए संघर्ष शुरू किया। आसपास खेतों की रखवाली कर रहे किसान मौके पर पहुंचे। तेंदुए के जबड़े से तो उसे बचा लिया लेकिन गले पर हुए गंभीर घाव और ज्यादा रक्तस्राव के कारण बालक की जान नहीं बच सकी।

तेंदुए को पकड़ने के लिए लगाया गया पिंजड़ा: तेंदुए को पकड़ने के लिए गन्ने के खेत में पिंजड़ा लगाया गया है। बालक की मौत के बाद वन टीम ने कांबिंग व गश्त अभियान चलाया। शनिवार को भोर में वन टीम ने लोगों को वन्यजीवों के हमले से बचने के लिए सतर्क रहने को कहा। डीएफओ आकाशदीप बधावन ने बताया कि कांबिंग और गश्त के लिए बना स्पेशल ट्रैक्टर भेजा जा रहा है। लोकेशन ट्रेस करने के लिए कैमरा और फाक्स लाइटें भी लगाई जाएंगी। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के सहयोग से पीड़ित परिवार को 10 हजार की अहेतुक सहायता दी जा रही है। आपदा राहत के मद से मिलने वाली चार लाख रुपये जल्द दिलाने का प्रयास किया जाएगा।

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