आइआइएम क्लास-2 : सरकार को याद रहा पिछली क्लास का 'सबक' lucknow news
शरारत करने और शिगूफे छोडऩे वाले छात्र दिखे अनुशासित। बैक बेंचर का ठप्पा छुड़ाने की दिखी होड़ नो टॉयलेट दौड़।
लखनऊ, (पुलक त्रिपाठी)। क्लास में गुरुजी का दिया सबक हमेशा याद रहता है, यह ऐसे ही नहीं कहा जाता। बच्चे और उच्च शिक्षा के छात्रों को छोडि़ए, यहां सरकार चलाने वाली मंत्री भी लाइन पर आ गए। रविवार को आइआइएम में लगी मंथन-2 क्लास में पिछली दफा शरारत करते दिखने वाले मंत्री खुद को मेधावी साबित करते नजर आए। जो बैक बेंचर थे, वे आज पहली कतार में बैठने को आतुर दिखे। खास बात यह कि नो टॉयलेट की दौड़..., जो पढ़ाया गया, सभी ने ध्यान से सुना और अच्छे छात्र की तरह नोट भी कर लिया।
आइआइएम में ठीक एक सप्ताह बाद दूसरी क्लास लगी थी। लिहाजा, पिछली बार पढ़ाई के खौफ में दिखने वाले मंत्री आत्मविश्वास से लबरेज दिखे। होते भी क्यों न, सात दिन तैयारी का भरपूर मौका जो मिला था। उस पर भी क्लास मॉनीटर यानी मुख्यमंत्री का खौफ...। सबसे खास बात यह कि इस बार क्लास बंक करने वालों की संख्या भी न के बराबर रही। ठीक नौ बजे जैसे ही क्लास शुरू हुई, शोर-शराबा एक दम थम गया। हां, पिछली बार का किस्सा याद करके कुछ मंत्री आंखों-आंखों में इशारा जरूर करते दिखे।
लेक्चर शुरू होते ही उनका ध्यान भी काम पर लग गया। एकाग्रता के साथ शिक्षक की ओर सभी की निगाहें थीं। क्लास के दौरान कुछ पेंसिल पकड़े भी दिखाई दिए, जो हर महत्वपूर्ण टिप्स को नोट करते रहे। शायद उन्हें इस बात का इल्म था कि सक्रियता परखने के लिए पढ़ाए गए टॉपिक से कुछ भी पूछा जा सकता है। कुछ बेमन थे, मगर कलम वे भी पकड़कर चलाते दिखे।
टॉयलेट न टी बे्रक
पढ़ाई के दौरान टॉयलेट तो अच्छा बहाना है, मगर इस दफा यह नहीं चला। करीब नौ घंटे ब्रेक के साथ चली क्लास में न टॉयलेट न टी ब्रेक, कंसंट्रेट रहे सारे के सारे। सिर्फ इंटरवल (टी ब्रेक) में ही रिलेक्स होते दिखे।