Lucknow Development Authority: ट्रांसपोर्ट नगर में 400 भूखंड वापस लेगा LDA, जानिए कितने करोड़ का होगा फायदा

LDA ट्रांसपोर्ट नगर के चार सौ भूखंड से करीब सौ करोड़ रुपये कमाने की तैयारी कर रहा है। लविप्रा को नियमानुसार पैसा भी मिलना तय है। भले दस पांच करोड़ राजस्व कम हो जाए। माना जा रहा है कि अपने भूखंडों को बचाने के लिए व्यापारी आगे जरूर आएंगे।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 02:02 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 02:02 PM (IST)
Lucknow Development Authority: ट्रांसपोर्ट नगर में 400 भूखंड वापस लेगा LDA, जानिए कितने करोड़ का होगा फायदा
एलडीए ने आवंटियों को नोटिस भेजकर निर्माण व नक्शा अभी तक पास न कराने का कारण पूछा है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) ट्रांसपोर्ट नगर के चार सौ भूखंड से करीब सौ करोड़ रुपये कमाने की तैयारी कर रहा है। लविप्रा को नियमानुसार पैसा भी मिलना तय है। भले दस पांच करोड़ राजस्व कम हो जाए। क्योंकि लविप्रा ने निर्माण कार्य न करने पर लीज डीड की शर्तों का उल्लंघन एवं उ.प्र. नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा 18 (4) के अधीन भूखंडों को निरस्त कर पुर्नप्रवेश करने की नोटिस भेजा है। एक भूखंड 140 वर्ग मीटर है, नक्शा व निर्माण कई दशक से न होने पर लेवी के रूप में लाखों रुपये जमा करने होंगे। औसतन 140 वर्ग मीटर का दस से बारह लाख और 400 वर्ग मीटर तक के भूखंड का इससे भी अधिक है। 

लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि चार सौ आवंटियों को नोटिस भेजकर निर्माण व नक्शा अभी तक पास न कराने का कारण पूछा गया है। वहीं कई आवंटियों के जवाब भी आने शुरू हो गए हैं। ट्रांसपोर्ट नगर में ऐसे भूखंड सैकड़ों में है, जिन पर कोई निर्माण नहीं है। लविप्रा ने आवंटियों को भेजे गए पत्र में उल्लेख किया है कि अगर तीस दिन के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं आता है तो भूखंड की लीज डीड निरस्त कर दी जाएगी यही नहीं, लविप्रा आगामी दो माह बाद भूखंड पर कब्जा भी ले लेगा। वहीं कुछ आवंटी लविप्रा पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है और कोर्ट जाने की बात कहा रहे हैं। सभी आवंटी को यह पत्र अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा के हस्ताक्षर से भेजे जा रहे हैं।

लविप्रा के खाते में पैसा आना तयः अपने करोड़ों के भूखंडों को बचाने के लिए ट्रांसपोर्ट नगर के व्यापारी आगे जरूर आएंगे। इसके लिए दस से बीस लाख रुपये लेवी भी पचास फीसद से ज्यादा व्यापारी जमा करेंगे। अब देखना है कि लविप्रा उन आवंटियों के भूखंड निरस्त कर पाता है, जिन्होंने लविप्रा द्वारा भेजे गए पत्र का कोई जवाब नहीं दिया।

क्या है लेवीः लेवी एक प्रकार का शुल्क है। लीज पर दिए गए भूखंडों पर अगर शुरुआती तीन साल में निर्माण न होने पर प्रचलित बाजार मूल्य पर दो प्रतिशत की दर से प्रभार, पट्टाकर्ता द्वारा हर वर्ष देना होगा। यदि उक्त प्रभार जमा करने की तिथि से पांच वर्ष की अग्रेतर व्यतीत हो जाए तो पट्टा जब्त हो जाएगा और पट्टेदार भूमि पर पुन: प्रवेश करेगा यानि लविप्रा कब्जा फिर ले लेगा।

chat bot
आपका साथी