एलडीए उपाध्यक्ष ने म‍िलाया टोल फ्री नंबर तो उजागर हुई सच्‍चाई, कर्मचार‍ियों को द‍िए बात करने के ट‍िप्‍स

लखनऊ व‍िकास प्राध‍िकरण के उपाध्यक्ष को सूचना मिली थी कि कर्मचारियों के बातचीत का तरीका ठीक नहीं है। इस पर कर्मचारियों को बुलाकर संपत्ति बेचने की टिप्स दी और कहा कि बातचीत के तरीके में नम्रता लाए और फोन उठाकर सबसे पहले नमस्कार कहें।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 06:30 AM (IST)
एलडीए उपाध्यक्ष ने म‍िलाया टोल फ्री नंबर तो उजागर हुई सच्‍चाई, कर्मचार‍ियों को द‍िए बात करने के ट‍िप्‍स
टोल फ्री नंबर पर तीन पालियों में लगाए गए 12 कर्मचारी।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) के उपाध्यक्ष ने वाणिज्यिक संपत्तियों को बेचने के लिए स्थापित टोल फ्री नंबर पर फोन करके कर्मचारियों से बातचीत की। बातचीत के दौरान टोल फ्री नंबर के तौर तरीकों से अवगत कराया और बताया कि फोन पर कैसे जानकारी देनी है। सूत्रों के मुताबिक उपाध्यक्ष से किसी ने शिकायत की थी कि वाणिज्यिक संपत्तियों को बचने के लिए जो टोल फ्री नंबर बनाया गया है, वहां बैठने वाले कर्मचारियों को संपत्तियों की जानकारी नहीं है और बातचीत का तरीका अच्छा नहीं है। इस पर लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने 20 सितंबर से शुरू हुए टोल फ्री नंबर 180018005000 पर फोन करके हकीकत जानी। फोन पर कुछ चीजें सही पायी। इस पर कर्मचारियों को बुलाकर संपत्ति बेचने की टिप्स दी और कहा कि बातचीत के तरीके में नम्रता लाए और फोन उठाकर सबसे पहले नमस्कार कहें।

लविप्रा पहली बार अपनी वाणिज्यिक संपत्तियों को बेचने के लिए निजी बिल्डरों की तर्ज पर काम कर रहा है। टाेल फ्री नंबर राउंड द क्लाक चलेगा। हर पाली में चार कर्मचारी लगाए गए हैं। कर्मचारियों को सभी योजनाओं की वाणिज्यिक संपत्तियों की जानकारी रहे, इसलिए संपत्ति का पूरा ब्योरा टोल फ्री कार्यालय में रखा गया है। वहीं इच्छुक खरीददार को मौके पर अभियंता जाकर संपत्ति भी दिखाएंगे। इस पर लविप्रा अपनी संपत्ती को बेचने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है। अब तक की हुई नीलामी में सबसे बड़ी नीलामी की तर्ज पर इसे देखा जा रहा है।

लविप्रा बाबू एफआइआर दर्ज कराने को तैयार नहीं : गोमती नगर में हुए भूखंड घोटाले की एफआइआर दर्ज नहीं कराई जा रही है। भूखंड संख्या 3/ 43 विभूति खंड का नक्शा लविप्रा ने निरस्त कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक संतोष नाम के आदमी ने बाहर ही बाहर रजिस्ट्री गोमती नगर के तीन भूखंडों की कराई है । इनमें विभूति खंड का यह करोड़ों रुपये का है। अफसरों का तर्क है कि बाबुओं को डर है कि भूखंड घोटाला करने वाले व्यक्तिगत दुश्मनी मान रहे हैं, वहीं पुलिस पूछताछ के लिए आए दिन थाने बुलाकर परेशान करती है।

chat bot
आपका साथी