लखनऊ : कॉलेज में हास्टल के नाम पर बनाया शॉपिंग माल, एलडीए ने क‍िया सील-ध्‍वस्‍त करने की तैयारी

सवाल ये भी उठाया जा रहा है कि आखिर पिछले करीब डेढ़ साल में मानचित्र के विपरीत इतना बड़ा माल बना दिया गया है और प्राधिकरण के अभियंताओं को पता तक नहीं चल सका। वे आंख मूंदे रहे और अचानक सीलिंग की कार्रवाई की है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 07:30 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 06:12 AM (IST)
लखनऊ : कॉलेज में हास्टल के नाम पर बनाया शॉपिंग माल, एलडीए ने क‍िया सील-ध्‍वस्‍त करने की तैयारी
लालबाग कॉलेज की भूमि पर प्रिसिंपल स्टाफ आवास और हॉस्टल के नाम पर पास करवाया गया था नक्शा।

लखनऊ, जेएनएन। लालबाग में क्रिश्चियन सोसाइटी नाम की संस्था अवैध निर्माण करवा रही थी। आवासीय नक्शा पास करा के कामर्शियल निर्माण करवाया गया है। जिसको सील कर दिया गया है। इसके अलावा सुल्तानपुर रोड पर एक अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है। लालबाग गर्ल्स कॉलेज की भूमि पर ये नक्शा पास करवाया गयचार था। एलडीए को अभी पुलिस नहीं मिल सकी है। इसलिए पुलिस मिलने के बाद ध्वस्तीकरण किया जाएगा। दूसरी ओर सवाल ये भी उठाया जा रहा है कि आखिर पिछले करीब डेढ़ साल में मानचित्र के विपरीत इतना बड़ा माल बना दिया गया है और प्राधिकरण के अभियंताओं को पता तक नहीं चल सका। वे आंख मूंदे रहे और अचानक सीलिंग की कार्रवाई की है।

ये निर्माण सलीम एवं प्रबंधक लालबाग क्रिश्चियन सोसाइटी के नाम दर्ज है। जिसका मानचित्र परमिट संख्या 35939 है। ये मानचित्र 2013 में पास किया गया था। बेसमेंट भूतल और चार मंजिल का निर्माण किया गया है जो कि ड्रेगन शाॅपिंग माल है। लालबाग गर्ल्स कॉलेज की भूमि पर आवासीय, हाॅस्टल, प्रिंसिपल रेजीडेंस के लिए भवन निर्माण किया जाना था मगर बना दिया गया विशाल ड्रेगन शॉपिंग माल। प्रमुख सचिव आवास के स्तर तक एलडीए के प्रवर्तन वाद की प्रक्रिया चली और आखिरकार लालबाग का ये माल सील कर दिया गया है। प्राधिकरण की संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने बताया कि ध्वस्तीकरण आदेश किया जा चुका है। मगर बारावफात की वजह से पुलिस की मदद नहीं मिल सकी है। बारावफात के बाद अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिया जाएगा।

 

लालबाग कॉलेज प्रबंधन ने की है बड़ी धांधली

कॉलेज की भूमि पर अवैध निर्माण के बाद कॉलेज प्रबंधन की बड़ी धांधली सामने आई है। यूपी एजुकेशनल इंस्टीट़्यूशन प्रिवेंसंश एवं डिस्पेंशन ऑफ असेएट्स एक्ट में जांच शुरू की गई थी। ये जांच अपर जिलाधिकारी नगर पूर्वी और सचिव लविप्रा ने की थी। जिसमें कहा गया था कि एजुकेशनल सोसाइटी की भूमि पर किसी तरह का व्यवसायिक निर्माण नहीं किया जा सकता है। इसमें जिस तरह से लालबाग कॉलेज प्रबंधन ने रजिस्ट्री करवाई है, वह भी पूरी तरह से नियम विरुद्ध किए गए। 

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