जब निकाली लाटरी की पर्ची तो छलक पड़े नयन, एक पल में साकार हुआ आशियाने का सपना Lucknow News

युवती ने निकाली प्लाट लाटरी की पर्ची तो निकला खुद का ही नाम। खुशी के मारे रो पड़ी अपने पिता से लिपट गई।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 08:05 PM (IST) Updated:Fri, 22 Nov 2019 07:13 AM (IST)
जब निकाली लाटरी की पर्ची तो छलक पड़े नयन, एक पल में साकार हुआ आशियाने का सपना Lucknow News
जब निकाली लाटरी की पर्ची तो छलक पड़े नयन, एक पल में साकार हुआ आशियाने का सपना Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। निकिता के अभिभावकों ने अपनी बेटी का भाग्यशाली मानते हुए बसंतकुंज योजना में सबसे छोटे भूखंड के लिए आवेदन किया था। निकिता बहुत ही उत्साह से एलडीए की लाटरी प्रक्रिया को देखने के लिए गुरुवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान पहुंची थी। जहां वह एलडीए की मदद करने के लिए लाटरी की पर्चियां निकालने में मदद कर रही थी। अचानक एक पर्ची को देखकर निकिता के मुंह से आवाज ही नहीं निकली, बस बरबस आंसू छलकने लगे। पर्ची पर नाम पढ़ा गया तो ये नाम उसकी का था। खुशी के आंसू बहाते हुए निकिता अपने पिता के गले लग गई। पूरा हॉल तालियों की आवाजों से गूंज उठा।

बसंतकुंज योजना के 365 भूखंड के लिए आवंटन प्रक्रिया लाटरी पूरी होने के बाद गुरुवार को समाप्त हो गई। करीब 11 हजार आवेदकों की लाटरी चार दिन में संपन्न की गई। जिनमें 365 भाग्यशाली लोगों को भूखंड मिले। निकिता का तो दोहरा भाग्य काम किया, न केवल उसकी लाटरी निकली बल्कि खुद से ही निकाली गई, पर्ची पर उसका ही नाम निकला। निकिता को बसंतकुंज के सेक्टर एन में 353 नंबर भूखंड आवंटित किया गया। इसके अलावा बचे हुए करीब 90 भूखंड भी गुरुवार को खुशनसीबों के नाम कर दिए गए। एलडीए के नजूल अधिकारी पंकज सिंह, तहसीलदार असलम और अधिशासी अभियंता पीएस मिश्र की देखरेख में लाटरी प्रक्रिया संपन्न की गई।

15 दिसंबर तक पहुंचेगा खातों में रिफंड

लगभग साढ़े दस हजार आवेदकों का प्लॉट में नाम नहीं आया। जिनका करीब ढाई सौ करोड़ रुपये बतौर पंजीकरण राशि एलडीए में जमा है। इन आवेदकों को उनका रिफंड 15 दिसंबर तक एलडीए उनके पंजीकरण के दौरान दर्ज किए गए अकाउंट नंबर पर करा देगा। धन से सीधे अकाउंट में पहुंचेगा। जिन लोगों का धन 15 दिसंबर तक अकाउंट में न आए वे एलडीए के वित्त एवं लेखा विभाग में संपर्क करें।

chat bot
आपका साथी