लखनऊ में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेले में हुआ ‘मैं हनुमान’ का विमोचन
मुख्य अतिथि डाॅ. हरिशंकर मिश्र ने ‘मैं हनुमान’ उपन्यास की भाषा को प्रांजल बताते हुए कहा कि इस उपन्यास की सबसे बड़ी विशेषता इसके संवाद है। संवादों के माध्यम से कथा का सूत्र आगे बढ़ता है तब कथा और अधिक रोचक प्रतीत होती है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। मोतीमहल में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेला के सांस्कृतिक पंडाल में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के निदेशक पवन कुमार के उपन्यास ‘मैं हनुमान’ का विमोचन हुआ। ताब मंजुल प्रकाशन, दिल्ली से प्रकाशित है। विशिष्ट अतिथि राजीव आचार्य ने उपन्यास की मौलिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यद्यपि रामकथा हम सबकी जानी पहचानी है, परन्तु लेखक ने इसे अनुमान की दृष्टि से देखते हुए मौलिक अवधारणाओं के साथ प्रस्तुत किया है। मुख्य अतिथि डाॅ. हरिशंकर मिश्र ने ‘मैं हनुमान’ उपन्यास की भाषा को प्रांजल बताते हुए कहा कि इस उपन्यास की सबसे बड़ी विशेषता इसके संवाद है।
संवादों के माध्यम से कथा का सूत्र आगे बढ़ता है, तब कथा और अधिक रोचक प्रतीत होती है। सभाध्यक्ष डाॅ. सूर्यप्रसाद दीक्षित ने राम की पूर्व पीठिकाओं का उल्लेख करते हुए लेखक के अध्ययन की सराहना की। साथ ही यह भी कहा कि यह उपन्यास एक बैठक में पढ़ने योग्य है।
इस अवसर पर लेखक पवन कुमार ने अपने लेखकीय अनुभव से पाठकों को अवगत कराया। इस उपन्यास के एक अंश का पाठ दास्तानों हिमांशु बाजपेयी ने किया। मंचासीन अतिथियों का स्वागत अंजू सिंह एवं पंकज सिंह ने किया। इससे पहले दर्पण (सामायिक काव्य) का लोकार्पण हुआ जो अपर्णा शुक्ला ने अपने दिवंगत पति शिशिर को दिए गए वचन के पालन में इस पुस्तक के रूप मे जो की शिशिर के दादा जी द्वारा रचित थी का पुस्तक रूप संजो कर किया।
संस्कार हवेलिया सम्मानित : खेल निदेशक आरपी सिंह ने लखनऊ के युवा शूटर खिलाड़ी संस्कार हवेलिया को एक लाख रुपये की सम्मान राशि देकर युवा खेल रत्न पुरस्कार से विभूषित किया। उनके बाहर होने के कारण पुरस्कार परिवारीजन ने ग्रहण किया। संस्कार ने पेरू की राजधानी लीमा में आयोजित वर्ल्ड चैम्पियनशिप में हुई शूटिंग स्पर्धा में 11वीं रैंक हासिल की व तीन इवेंट में कीर्तिमान बनाये हैं।