Chandra Grahan 2021: जानिए साल का दूसरा व आखिरी चंद्र ग्रहण कब लगेगा, इसे कहां देखा जा सकेगा

Chandra Grahan 2021 ज्योतिषीय महत्व के साथ चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक महत्व बहुत होता है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार ग्रहण लगना अशुभ माना जाता है। क्योंकि इसका पृथ्वी के सभी जीव-जंतुओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 10:45 PM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 03:29 PM (IST)
Chandra Grahan 2021: जानिए साल का दूसरा व आखिरी चंद्र ग्रहण कब लगेगा, इसे कहां देखा जा सकेगा
19 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन वर्ष 2021 का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा।

लखनऊ, जेएनएन। धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व के साथ चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक महत्व बहुत होता है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार ग्रहण लगना अशुभ माना जाता है। क्योंकि इसका पृथ्वी के सभी जीव-जंतुओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं। इस दौरान अपने ईष्ट देव की अराधना मन ही मन की जाती है।19 नवंबर को वर्ष 2021 का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण का योग बन रहा है।

पंचांग के अनुसार वर्ष 2021 यह आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्र ग्रहण की घटना को एक विशेष खगोलीय घटना के तौर पर देखा जाता है। चंद्र ग्रहण की घटना का असर मेष से मीन राशि तक पड़ता है। इसलिए ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह भी दी जाती है।

ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन 19 नवम्बर, 2021 को लगने वाला यह चंद्र ग्रहण भारत के ज्यादातर हिस्सों में नहीं देखा जा सकेगा। हालांकि यह अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ भागों में कुछ ही समय के लिए दिखाई देगा। उन्होंने बताया कि 19 नवम्बर को दिन में 12.48 मिनट से 2.37 तक ग्रहण काल है। मोक्षकाल 4.17 बजे हो जाएगा। चंद्रोदय से अतिरिक्त समय पर होने से इसका महत्व देश मे कम है। इस दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है। कार्तिक पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व शास्त्रों में बताया गया है। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व माना गया है।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगने वाला यह वर्ष 2021 का आखिरी चन्द्र ग्रहण आंशिक रहेगा। यानि इस चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक नहीं लगेगा। पौराणिक मान्यताओं के आधार पर ऐसा माना जाता है कि पूर्ण ग्रहण की स्थिति में ही सूतक नियमों का पालन किया जाता है। आंशिक, खंडग्रास ग्रहण की स्थिति सूतक काल प्रभावी नहीं होता है। मान्यता है कि सूतक काल में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। सूतक काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

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