उत्तर प्रदेश में सरल होंगे भूमि अधिग्रहण के नियम, उद्योगों के लिए लैंड बैंक बढ़ाने की कसरत तेज

उत्तर प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए तमाम नीतियों में संशोधन का मन बना चुकी योगी सरकार जल्द ही भूमि अधिग्रहण के नियम-कानूनों में बदलाव करने जा रही है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Thu, 28 May 2020 09:15 PM (IST) Updated:Fri, 29 May 2020 07:06 AM (IST)
उत्तर प्रदेश में सरल होंगे भूमि अधिग्रहण के नियम, उद्योगों के लिए लैंड बैंक बढ़ाने की कसरत तेज
उत्तर प्रदेश में सरल होंगे भूमि अधिग्रहण के नियम, उद्योगों के लिए लैंड बैंक बढ़ाने की कसरत तेज

लखनऊ [राज्य ब्यूरो] उत्तर प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए तमाम नीतियों में संशोधन का मन बना चुकी योगी सरकार जल्द ही भूमि अधिग्रहण के नियम-कानूनों में बदलाव करने जा रही है। राजस्व संहिता में संशोधन सहित सरकार वह सभी तरीके अपनाना चाहती है, जिनसे उद्योगों को आसानी से जमीन उपलब्ध कराई जा सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्योगों के लिए लैंडबैंक जुटाने के निर्देश दिए हैं। 

इसी के तहत गुरुवार को औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने मुख्य सचिव आरके तिवारी और औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन सहित 18 विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में विदेशी कंपनियों और अन्य औद्योगिक संस्थानों को आसानी से जमीन मुहैया कराने के लिए राजस्व संहिता में संशोधन समेत कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर एक-एक किमी की दूरी में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को भी सरल बनाने का फैसला किया गया है।

वित्त विभाग ने सुझाव दिया है कि बंद पड़ी सार्वजनिक उपक्रमों की इकाइयों की भूमि को नीलाम किया जाए। इस पर एक बार विधिक दृष्टि से परीक्षण कराया जाएगा। साथ ही औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में राजस्व ग्रामों के सम्मिलित होने पर इनकी सार्वजनिक भूमि को प्राधिकरण में निहित करने का प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है। औद्योगिक विकास क्षेत्र अधिनियम में एक निर्धारित समय सीमा के बाद भी इकाई स्थापित न करने पर भूखंडों का आवंटन निरस्त करने का भी प्रस्ताव बनेगा।

औद्योगिक इकाइयों के लिए बढ़ेगा एफएआर : बैठक में औद्योगिक इकाइयों के लिए अनुमन्य एफएआर को बढ़ाकर 2.5 फीसद और इसके ऊपर परचेजबिल एफएआर को शामिल करते हुए कुल 3.5 अनुमन्य करने पर सहमति बनी। इसे जल्द ही लागू करने का फैसला किया गया है। मिश्रित भू-उपयोग के साथ आधुनिक इन्टीग्रेटेड औद्योगिक टाउनशिप स्थापित कराई जा सकती है। औद्योगिक इकाइयों के लिए कृषि भूमि के भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क को सुझाव के अनुसार अधिकतम 15 से 20 फीसद रखने के प्रस्ताव को शीघ्र लागू किया जाएगा।

जेवर एयरपोर्ट के पास बनेगी इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी : उत्तर प्रदेश सरकार ने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक वृहद इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी विकसित करने का फैसला किया है। इसके लिए जल्द ही भूमि उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। वहीं, बैठक में विचार हुआ कि एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ लैंड बैंक विकसित कर नई एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने होंगे। इसके लिए यूपीडा द्वारा अपने चालू एक्सप्रेसवेज को मोनेटाइज करना होगा। औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को भी वित्तीय संसाधन जुटाने होंगे। इसके साथ ही औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में प्रतिनियुक्ति के पदों को जल्द भरने और विशेषज्ञों की सेवा लेने के लिए कहा गया है।

यूपी इन्वेस्ट एजेंसी की होगी स्थापना : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि यूपी इन्वेस्टर्स समिट में हस्ताक्षरित एमओयू और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-1, ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-2 में शुरू की गई परियोजनाओं की एक सप्ताह में समीक्षा कर ली जाए। प्रस्तावित यूपी इन्वेस्ट एजेंसी की स्थापना भी जल्द होगी। वहीं, औद्योगिक विकास विभाग अपनी परियोजनाओं जैसे कि ट्रांसगंगा सिटी, सरस्वती हाईटेक सिटी, बरेली में मेगा फूड पार्क, ग्रेटर नोएडा में लॉजिस्टिक व ट्रांसपोर्ट हब और वाराणसी में मल्टी मॉडल टर्मिनल परियोजना को अभियान चलाकर पूरा कराएगा।

chat bot
आपका साथी