लखनऊ में प्रधानमंत्री आवासों में जलेंगे गोबर के दीपक, आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को मिला रोजगार

गोबर के लक्ष्मी गणेश के साथ ही गोबर के दीपक से प्रधानमंत्री आवास रोशन होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवासों में गोबर के बने दो दीपक जलाने के आह्वान के बाद महिलाएं गोबर के दीवक और लक्ष्मी गणेश की प्रतिमाएं बनाने में जुट गई हैं।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 10:00 AM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 02:58 PM (IST)
लखनऊ में प्रधानमंत्री आवासों में जलेंगे गोबर के दीपक, आर्थिक रूप से कमजोर  महिलाओं को मिला रोजगार
प्रधानमंत्री के आह्वान के साथ ही दीपक बनाने में जुटीं महिलाएं।

लखनऊ, जितेंद्र उपाध्याय। गोबर के लक्ष्मी गणेश के साथ ही गोबर के दीपक से प्रधानमंत्री आवास रोशन होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवासों में गोबर के बने दो दीपक जलाने के आह्वान के बाद महिलाएं गोबर के दीवक और लक्ष्मी गणेश की प्रतिमाएं बनाने में जुट गई हैं। कृष्णानगर के भगवती विहार में गोबर के दीवक और प्रतिमाएं बनाने का प्रशिक्षण देने वाली शालिनी सिंह ने भी महिलाओें के साथ दीपक बनाना शुरू कर दिया है। गरीब घरों की महिलाओं द्वारा निर्मित इन दीपकों को खरीद कर आप उनके घर भी समृद्धि की रोशनी कर सकते हैं।

झोपड़पट्टी में रहने वाले मासूमों को कांवेंट शिक्षा का संकल्प लेने वाली शालिनी ने अब उनके माताओं को रोजगार से जोड़ा है। गरीबों के घर की लड़कियां शिक्षित तो जाएं इसकी मंशा के चलते संस्था की ओर से लड़कियों को शिक्षित करने की प्राथमिकता होती है। सिटिजन डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के माध्यम से वह प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र भी देती हैं जिससे प्रशिक्षण के बाद उन्हें कहीं और भी काम करने का अवसर मिले। प्रशिक्षण पूरी तरह से निश्शुल्क् होता है। कृष्णानगर के भगवती विहार में प्रतिमाओं को बनाने का कार्य चल रहा है। महिलाओं को स्वालंबी बनाने के लिए 300 महिलाओं का समूह बनाया गया है जहां अगरबत्ती बनाने से लेकर गाय के गोबर से क्वायल और हवन सामग्री समेत कई घरेलू उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। शालिनी सिंह ने बताया कि पति विकास सिंह के सहयोग और परिवार की प्रेरणा से वह गरीबों के लिए कुछ कर पा रही हैं।

रोजगार के साथ पर्यावरण की बात: महिलाओं को न केवल रोजगार से जोड़ा जा रहा है बल्कि स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। स्वरोजगार के साथ ही पर्यावरण के प्रति भी महिलाओं को सचेत किया जाता है। बेकार सामानों का दोबारा प्रयोग करने के प्रति भी जागरूक किया जाता है। गोबर से प्रतिमाएं बनाकर महिलाएं स्वयं अपना कारोबार कर सकती हैं। गोबर की बनी प्रतिमाएं व दीपक पर्यावरण अनुकूल हैं।

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