लखनऊ में प्रधानमंत्री आवास की छतों से सालाना होगी लाखों की कमाई, बनेगी 18 हजार यूनिट बिजली
प्रधानमंत्री आवास योजना में रहने वालों को अपने फ्लैटों के रखरखाव करने की चिंता नहीं है। LDA इनकी चिंता करेगा। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए 44 एकड़ में बरसात की बूंद बचाई जाएगी। इसी तरह पीएम आवास की छतों पर चार मेगावाट का सोलर पैनल लगाया जाएगा।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री आवास योजना में रहने वालों को अपने फ्लैटों के रखरखाव करने की चिंता नहीं है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) इनकी चिंता करेगा। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए 44 एकड़ में बरसात की एक एक बूंद बचाई जाएगी। इसी तरह पीएम आवास की छतों पर चार मेगावाट का सोलर पैनल लगाया जाएगा। उद्देश्य होगा कि अधिक से अधिक बिजली बने। इस बिजली को बिजली विभाग को बेचकर पैसा कमाएगा और इस पैसे से पीएम आवास का रखरखाव बेहतर किया जाएगा। यह योजना बसंत कुंज और शारदा नगर याेजना में बनाए गए पीएम आवासों के लिए होगी। अगर सरकार को बिजली बेची जाएगी तो हर माह 45 हजार की बचत होगी। साल में पांच लाख रुपये आसानी से बच सकेंगे। कुल मिलाकर सोलर पैनल की सिर्फ एक माह में सफाई करनी होगी।
लविप्रा के मुख्य अभियंता इन्दू शेखर सिंह ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय किया गया है। चार मेगावाट सोलर प्लांट लगने के बाद बिजली खूब बनेगी। आने वाले समय में यहां रहने वाले लोगों को यह चिंता करने की जरूरत नहीं होगी कि पैसा कौन फ्लैट की मरम्मत में लगाएगा। सब्सिडी पर मिलने वाले फ्लैटों में रहने वाले सामान्य लोग हैं। चार मेगावाट का सोलर पैनल लगने से प्रति माह 18 हजार यूनिट बिजली प्रतिमाह बनेगी। यह बिजली लविप्रा मध्यांचल डिस्काम को बेच देगा।
पीएम आवास में रहने वालों को मिल सकता है लाभः पीएम आवास में रहने वाले लोगों को भी लविप्रा सोलर से बनने वाले बिजली सस्ते दर पर उपलब्ध करा सकता है। बिजली विभाग पौने तीन रुपये प्रति यूनिट बिजली सोलर से बनने वाली वित्तीय वर्ष में खरीदता है और यही बिजली अगर यहां रहने वाले उपभोक्ताओं को पांच रुपये में दी जाए और प्री पेड मीटर लगाकर चार्ज किया जाए तो पीएम आवास के आवंटी को सस्ती बिजली मिलेगी और प्रति यूनिट दो रुपये फायदा होगा। हालांकि विद्युत सप्लाई कोड अधिनियम में बिजली बेचने का अधिकारी सिर्फ विभाग को ऐसे में उच्च स्तर पर इसको लेकर निर्णय करना होगा।