पीएम नरेन्द्र मोदी 20 को करेंगे कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का लोकार्पण, दक्षिण एशियाई देश होंगे और करीब

कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से प्रदेश के विकास को और गति मिलेगी। यहां से नेपाल श्रीलंका चीन जापान ताइवान दक्षिण कोरिया थाइलैंड सिंगापुर वियतनाम तथा दक्षिण-पूर्वी एशिया के अन्य देशों के फ्लाइट्स का नियमित संचालन होगा। कुशीनगर एयरपोर्ट के रूप में उत्तर प्रदेश को तीसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट मिलेगा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 06:37 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 06:42 PM (IST)
पीएम नरेन्द्र मोदी 20 को करेंगे कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का लोकार्पण, दक्षिण एशियाई देश होंगे और करीब
कुशीनगर के इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नियमित उड़ान नवंबर में शुरू हो जाएगी।

लखनऊ, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश की एयर कनेक्टिविटी को नई उड़ान देंगे। वह भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली पर तैयार कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का 20 को लोकार्पण करेंगे। इसके बाद इस एयरपोर्ट से नवंबर से नियमित उड़ान का संचालन होगा।

कुशीनगर एयरपोर्ट के रूप में उत्तर प्रदेश को तीसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट मिलेगा। कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से प्रदेश के विकास को और गति मिलेगी। यहां से नेपाल, श्रीलंका, चीन, जापान, ताइवान, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड, सिंगापुर, वियतनाम तथा दक्षिण-पूर्वी एशिया के अन्य देशों के फ्लाइट्स का नियमित संचालन होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे को देखते हुए बीते हफ्ते यहां आकर तैयारियों का जायजा लिया था। इस एयरपोर्ट के संचालन से पयर्टन को बढ़ावा मिलने के साथ ही बुद्ध सर्किट को भी गति मिलेगी। इस एयरपोर्ट के संचालित होने से आसपास के क्षेत्रों में भी काफी व्यवसाय बढ़ेगा।

केन्द्रीय उड्डयन सचिव राजीव बंसल ने रविवार को कुशीनगर का दौरा किया। उन्होंने बताया कि कुशीनगर के इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नियमित उड़ान नवंबर में शुरू हो जाएगी। देशी-विदेशी एयरलाइंस से नागर विमानन विभाग की वार्ता अंतिम दौर में चल रही है। अब तो केवल औपचारिकता शेष है। राजीव बंसल ने 20 को इस एयरपोर्ट का उद्घाटन करने आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यक्रम संबंधी तैयारियों का जायजा लेने आए थे। उन्होंने बताया कि यहां से पहले घरेलू उड़ान शुरू होगी, उसके बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के बारे में पहल की जाएगी। इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आइएलएस) के संबंध में सचिव ने बताया कि उड़ान के लिए यह कोई बाधा नहीं है। आइएलएस से भी उच्च तकनीक आ गई है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण होते ही यह कार्य भी कर लिया जाएगा। 

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