जितना चलेंगे उतना अधिक दौड़ेगा दिल, जान‍िए स्वस्थ हृदय के लिए क्‍या है डॉक्‍टरों की राय

लोहिया संस्थान में कार्डियोलॉजी विभाग के दस वर्ष पूरे होने पर सोमवार को स्थापना दिवस कार्यक्रम में कार्डियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डा. भुवन चंद्र तिवारी ने कहा कि 10 वर्षों में संस्थान में ढाई लाख से अधिक मरीज देखे गए हैं। इनमें से 25 हजार मरीज में प्रोसीजर किया गया है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 12:01 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 12:01 AM (IST)
जितना चलेंगे उतना अधिक दौड़ेगा दिल, जान‍िए स्वस्थ हृदय के लिए क्‍या है डॉक्‍टरों की राय
लखनऊ में लोहिया संस्थान के कार्डियोलॉजी विभाग ने पूरे किए दस वर्ष।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। अगर आप दीर्घायु होना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने दिल से ही दोस्ती करनी होगी। मतलब दिल के अ'छे स्वास्थ्य के लिए रोजाना आपको कदमताल करनी होगी, व्यायाम और योग करना होगा। आप जितना ज्यादा चलेंगे, दिल उतना ही अधिक धड़केगा और स्वस्थ रहेगा। लोहिया संस्थान में कार्डियोलॉजी विभाग के दस वर्ष पूरे होने पर सोमवार को स्थापना दिवस कार्यक्रम में कार्डियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डा. भुवन चंद्र तिवारी ने कहा कि 10 वर्षों में संस्थान में ढाई लाख से अधिक मरीज देखे गए हैं। इनमें से 25 हजार मरीज में प्रोसीजर (एंजियोप्लास्टी, एंजियोग्राफी, पेसमेकर) किया गया है।

मरीजों में सफलता दर 99 फीसद से भी ज्यादा रही है। संस्थान में लगातार नई सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसके तहत हाल ही में एक विशेष हार्ट फेल्योर व पल्मोनरी आर्टरी हाइपरटेंशन क्लीनिक की शुरुआत की गई है। इसका मकसद मरीजों को हृदयाघात से बचाना और समय पर सही इलाज मुहैया कराने के साथ स्वस्थ हृदय के लिए जागरूक करना भी है। आगे इस तरह की कई और विशेष क्लीनिक खोलने की योजना है।

हृदय रोगों के कारण और बचाव डा. भुवन चंद्र ने कहा कि ज्यादातर हृदयरोगों की वजह शारीरिक क्रियाशीलता का शून्य होना, योग, व्यायाम और चहलकदमी नहीं करना, धूमपान करना, नींद कम लेना, तनाव अधिक लेना, खुश न रहना। इसके अतिरिक्त फास्ट फूड और जंक फूड का अत्यधिक इस्तेमाल करना है। स्वस्थ हृदय के लिए रोजाना शारीरिक श्रम, छह से सात घंटे की नींद, पौष्टिक खान-पान व दिनचर्या में बदलाव, खुश रहने की आदत डालना जरूरी है। अभिभावकों को चाहिए कि वह शुरू से अपने बच्‍चों को भौतिक खेलों में सक्रिय करें। डा. सोनिया नित्यानंद ने इस दौरान शोध और रोगों के निवारण पर जोर दिया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डा. दीपक मालवीय, प्रो. नुजहत हुसैन, प्रो. मुकुल मिश्रा, डा. सुदर्शन समेत अन्य फैकल्टी व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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