Lucknow Coronavirus News: जिंदगी नहीं, लापरवाह सिस्टम से जंग हार गए किशोरीलाल
अवध शिल्प ग्राम के डीआरडीओ में कोरोना मरीजों की संख्या आने में कुछ तेजी जरूर आयी है लेकिन सीएमओ के कोविड कमांड सेंटर से रेफरल लेटर लाने की बाध्यता के कारण इस अस्पताल में मौजूदा सक्रिय बेड में से 50 फीसद खाली ही रह गए हैं।
लखनऊ, जेएनएन। कोविड निमोनिया के कारण गंभीर रूप से बीमार अपने 61 साल के पिता किशोरी लाल को डीआरडीओ अस्पताल में भर्ती के लिए तीन दिन से सिस्टम की चौखट पर मिन्नतें कर रही बेटी शुक्रवार को हार गई। अपनी आंख के सामने पिता को पल पल जीवन से संघर्ष करते देखा। सीएमओ के कोविड कमांड सेंटर से भी कोई राहत नही मिली। शुक्रवार को अधिकारी ऋतु सुहास ने किशोरीलाल को बेड उपलब्ध कराने की।कोशिश जरूर की। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। जब तक एम्बुलेंस किशोरीलाल को लेने घर पहुंचती, वह कोरोना से जिंदगी की जंग हार चुके थे।
अवध शिल्प ग्राम के डीआरडीओ में कोरोना मरीजों की संख्या आने में कुछ तेजी जरूर आयी है, लेकिन सीएमओ के कोविड कमांड सेंटर से रेफरल लेटर लाने की बाध्यता के कारण इस अस्पताल में मौजूदा सक्रिय बेड में से 50 फीसद खाली ही रह गए हैं। यह अस्पताल बुधवार को शाम छह बजे कोरोना संक्रमित रोगियों के लिए शुरू हो गया था। यहां गुरुवार शाम छह बजे तक 24 घंटे में 42 मरीज ही भर्ती हो सके थे। डीआरडीओ अस्पताल के भीतर बेड खाली थे और बाहर कोविड कमांड सेंटर की लचर कार्यप्रणाली से मायूस तीमारदार अपने मरीजो की जान बचाने के लिए भटक रहे थे।
दैनिक जागरण ने शुक्रवार के अंक में इस विषय को प्रमुखता से उठाया था। शुक्रवार को यहां कोविड संक्रमित रोगियों की संख्या कुछ बढ़ी। दूसरे दिन 62 कोरोना मरीज आये। देर शाम तक अस्पताल में कुल 104 मरीज भर्ती थे। जिनमें आईसीयू एक के 85 बेड में से 64 और आईसीयू 2 के 65 बेड में से 40 पर कोरोना संक्रमित रोगियों का इलाज चल रहा है। इनमें से तीन वेंटिलेटर पर है जबकि एक रोगी की मौत हुई है। अब भी कुल 150 बेड की आईसीयू में 36 बेड और ऑक्सीजन वार्ड के सभी 100 बेड खाली हैं।
एक टैंकर ऑक्सीजन पहुंची
डीआरडीओ अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए एक टैंकर ऑक्सीजन शुक्रवार को पहुंची।।जिसे यहां के खाली टैंक में भरा गया। वेपोराइजर मशीन से ऑक्सीजन को कम्प्रेस्ड कर उसकी आपूर्ति की गई।