Khadi Exhibition in Lucknow: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है आंवला, प्रतापगढ़ से आए स्टॉल पर रही भीड़
इंदिरानगर की रहने वाली शोध छात्रा ऋचा सक्सेना द्वारा तैयार की गई इस विशेष कपड़े को खादी एवं ग्रामोद्यो आयोग ने न केवल सराहा है बल्कि इसे मान्यता देने की भी तैयारी कर रहा है। चारबाग के बाल संग्रहालय मैदान में प्रदर्शनी लगाई है।
लखनऊ, जेएनएन। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच बुधवार को लोगों ने खरीदारी का लुत्फ उठाया। प्रतापगढ़ से आए आंवले के उत्पाद से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के दावे के बीच दुकानदार ग्राहकों को अपनी ओर खींच रहा है। चिलचिलाती धूप में आपको ठंड का एहसास अपने कपड़े से हो जाए तो फिर क्या कहने। ठंड के मौसम में आपकी शर्ट गर्मी का एहसास कराने के दावे के बीच जैविक खादी के बने परिधान को लोग खरीद रहे हैं। इंदिरानगर की रहने वाली शोध छात्रा ऋचा सक्सेना द्वारा तैयार की गई इस विशेष कपड़े को खादी एवं ग्रामोद्यो आयोग ने न केवल सराहा है बल्कि इसे मान्यता देने की भी तैयारी कर रहा है। चारबाग के बाल संग्रहालय मैदान में प्रदर्शनी लगाई है। जैविक खादी के लिए तैयार होने वाले कपास में रसायनिक उर्वरक का प्रयोग नहीं होता और प्राकृतिक तरीके से कपड़ों को रंग दिया जाता है। हालांकि यह कपड़ा आम खादी के कपड़े से थोड़ा महंगा है, लेकिन रेशमी औखादी से 50 फीसद सस्ता है।
खादी वस्त्र नहीं गांधी की विचारधारा है जो आम गरीबों को रोजी रोटी से जोड़ता है। आधुनिकता की दौड़ में खादी समय के साथ चल सके इसके लिए उसमे भी बदलाव किया जा रहा है। युवाओं के परिधानों के साथ ही डिजाइनर खादी को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की ओर से चारबाग में यह प्रदर्शनी लगाई गई है। प्रदर्शनी में 85 स्टॉलों के साथ ही 30 फीसद तक की छूट भी मिल रही है। आयोग के सहायक निदेशक एके मिश्रा ने बताया कि राज्य निदेशक डीएस भाटी के संयोजन में यह प्रदर्शनी लगी है। सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक कोई भी प्रदर्शनी देख सकता है। कानपुर के स्वराज की ओर से खादी के डिजाइनर कपड़ों के साथ ही एलईडी, अंचार मुरब्बा और लखनवी चिकन भी प्रदर्शनी का हिस्सा है। नौ नव्ंबर तक प्रदर्शनी चलेगी।
मधुबनी पेंटिंग का जलवा
बिहार के मधुबनी पेंटिंग के मास्क लेकर आए कृष्ण कुमार झा के स्टॉल पर भी ग्राहकों की भीड़ रही। परिधानों के साथ ही तीन लेयर वाले कपड़े के बने मास्क पर मधुबनी पेंटिंग लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। मास्क के साथ बैग, पर्स और फाइल सहित कई उत्पादों मधुबनी पेंटिंग को दिखाने का प्रयास किया गया है। छूट के साथ 50 से 70 रुपये में मास्क मिल रहा है। जैविक खादी के स्टॉल पर 20 से 40 रुपये में खादी के बने मास्क आपको कोरोना से बचाएंगे।
नौ तक चलेगी प्रदर्शनी
सहायक निदेशक एके मिश्रा ने बताया कि प्रदर्शनी में सुरक्षा का खास ध्यान रखा गया है। मास्क और सैनिटाइजर के साथ ही प्रवेश की अनुमति होगी। नौ नवंबर तक चलने वाली प्रदर्शनी में खादी के कपड़ों और उत्पादों पर 30 फीसद तक की छूट भी दी जा रही है। हर दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।