देश भर में 18 एडवांस ट्रामा लाइफ सपोर्ट सेंटर स्थापित कराएगा केजीएमयू, पहले सेंटर के लिए छह डाक्टरों की टीम पटना रवाना
वर्ल्ड ट्रामा दिवस के मौके पर रविवार को केजीएमयू से छह डाक्टरों की टीम एड़वांस ट्रामा लाइफ सपोर्ट सेंटर(एटीएलएस) को स्थापित कराने के लिए पटना रवाना हो गई है। यहां तीन दिनों का कोर्स करवा कर इस सेंटर की शुरुआत की जाएगी।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। देश में सड़क दुर्घटनाओं समेत अन्य हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ट्रामा के मरीजों को यदि समय पर अस्पताल पहुंचा दिया जाए और वक्त पर उन्हें सही उपचार मिल जाए तो इनमें से 80 फीसद से अधिक घायलों की जान बचाई जा सकती है। वर्ल्ड ट्रामा दिवस के मौके पर रविवार को केजीएमयू से छह डाक्टरों की टीम एड़वांस ट्रामा लाइफ सपोर्ट सेंटर(एटीएलएस) को स्थापित कराने के लिए पटना रवाना हो गई है। यहां तीन दिनों का कोर्स करवा कर इस सेंटर की शुरुआत की जाएगी। केजीएमयू देश भर में ऐसे 18 नए सेंटर स्थापित करवाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने केजीएमयू को एटीएलएस का नोडल सेंटर बनाया है।
केजीएमयू में सर्जरी विभाग के प्रोफेसर व एटीएलएस कोर्स के राष्ट्रीय निदेशक डा. विनोद जैन ने कहा कि पटना में खोला जा रहा एटीएलएस केंद्र बिहार का पहला व देश का 19वां केंद्र होगा। अगला कदम पश्चिम बंगाल में ऐसे ही केंद्र की स्थापना के लिए आगे बढ़ाया जाएगा। सभी 18 नए केंद्रों की स्थापना के लिए रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। केजीएमयू कुलपति डा. बिपिन पुरी के निर्देशन में रविवार को पटना भेजी गई टीम में डा. विनोद जैन के अतिरिक्त डा. समीर मिश्रा, डा. यदुवेंद्र धीर, डा. शालिनी गुप्ता व डा. विकास सिंह शामिल हैं। पटना के इंदिरागांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) में इस एटीएलएस केंद्र की स्थापना कराई जा रही है। डा. विनोद जैन ने बताया कि देश भर में ऐसे सेंटर खोले जाने की बेहद जरूरत है। इसमें डाक्टरों व अन्य स्टाफ को ट्रामा के मरीजों को हैंडल करने की तरकीब व बारीकियां बताई जाएंगी। मसलन ट्रामा के मरीज को कब व किन परिस्थितियों में सीपीआर देना है, कैसे देना है। बहते रक्त को कैसे रोकना है। मरीज को हॉस्पिटल कितना जल्दी पहुंचाना है और अस्पताल ले जाते समय किन बातों का ध्यान रखना है। मरीज का कोई अंग टूट या कट गया है तो क्या सावधानी रखनी है इत्यादि सभी के बारे में टीम को प्रशिक्षित किया जाएगा।