केजीएमयू में लंबे समय बाद चांसलर, हीवेट और यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडल पर एक ही छात्र का कब्जा

केजीएमयू में 17 दिसंबर को दीक्षा समारोह में अहमद उजैर को हीवेट गोल्ड मेडल चांसलर मेडल और यूनिवर्सिटी आनर्स मैडल समेत 13 गोल्ड मेडल एक सिल्वर मेडल और दो बुक प्राइस दिए जाएंगे। 42 मेधावियों को गोल्ड सिल्वर ब्रांज मेडल बुक प्राइज और कैश प्राइज से नवाजा जाएगा।

By Dharmendra MishraEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 08:49 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 01:15 PM (IST)
केजीएमयू में लंबे समय बाद चांसलर, हीवेट और यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडल पर एक ही छात्र का कब्जा
केजीएमयू के दीक्षा समारोह में बांटे जाएंगे 154 मेडल। 17 दिसंबर को होगा समारोह।

लखनऊ [रामांशी मिश्रा]।  किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में 17 दिसंबर को होने वाले दीक्षा समारोह में अहमद उजैर को हीवेट गोल्ड मेडल चांसलर मेडल और यूनिवर्सिटी आनर्स मैडल समेत 13 गोल्ड मेडल, एक सिल्वर मेडल और दो बुक प्राइस दिए जाएंगे। इसके अलावा दीक्षा समारोह में इसमें 42 मेधावियों को गोल्ड, सिल्वर, ब्रांज मेडल, बुक प्राइज और कैश प्राइज से नवाजा जाएगा। इसमें 24 छात्राएं और 18 छात्रों ने बाजी मारी है। इसके साथ ही 18 दिसंबर को स्थापना दिवस समारोह मनाया जाएगा। इसमें 57 छात्र-छात्राओं को 90 मेडल दिए जाएंगे। इसमें भी छात्राएं आगे हैं। 38 छात्राओं और 19 छात्रों को पुरस्कृत किया जाएगा। दोनों समारोहों में कुल 154 मेडल मेधावियों को दिए जाएंगे।

तीनों मेडल उजैर के नाम

केजीएमयू के ब्राउन हाल में कुलपति ले जनरल डा बिपिन पुरी ने बताया कि समारोह अटल बिहारी वाजपेई सांइटिफिक कन्वेंशन सेंटर में होंगे। केजीएमयू का सबसे प्रतिष्ठित चांसलर, हीवेट और यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडल पर एमबीबीएस छात्र अहमद उजैर ने कब्जा जमाया है। लंबे अर्से बाद तीनों मेडल पर एक ही मेधावी ने कब्जा जमाया है। कुलपति ने बताया कि एमबीबीएस छात्र शिवम सिंह चार गोल्ड और एक सिल्वर मेडल प्रदान किया जाएगा। एमबीबीएस छात्रा आंकक्षा सिंह को एक गोल्ड मेडल मिलेगा।

प्रधानमंत्री हो सकते हैं मुख्य अतिथिः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समारोह के मुख्य अतिथि हो सकते हैं। उनके आमगन की तैयारियां केजीएमयू प्रशासन ने तेज कर दी हैं। कुलपति ने बताया कि प्रधानमंत्री को न्यौता भेजा गया है। उनके आने के बारे में समारोह से कुछ दिन पहले ही पता चलेगा। दीक्षा समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल करेंगी। इसके अलावा स्थापना दिवस समारोह में हाईकोर्ट के जस्टिस रमेश सिन्हा मुख्य अतिथि होंगे।

दो नए मेडलः मेडिकल डीन डा. उमा सिंह ने बताया कि इस साल दो नए मेडल शुरू किए गए हैं। पीडियाट्रिक विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा जीके मलिक के नाम पर गोल्ड मेडल शुरू किया गया है। नियोनेटल में लिखित पेपर में सर्वाधिक अंक हासिल करने वाले छात्र को यह मेडल प्रदान किया जा रहा है। जबकि फार्माकोलॉजी विभाग में डा. बीएन धवन की याद में गोल्ड मेडल शुरू किया गया है।

कामेडी वीडियो देखकर अहमद रखते हैं खुद को तरोताजाः सबसे ज़्यादा मैडल पाने वाले अहमद उजैर कहते हैं कि वह अपनी निजी और पेशेवर जिंदगी में तालमेल बैठाने में यकीन रखते हैं। ईश्वर में उनकी गहरी आस्था है, लेकिन कर्म को पूरी वरीयता देते हैं। इसीलिए उनका फसलफा यही है कि हमें अपना काम करते रहना चाहिए जबकि उसमें सफलता ईश्वर के हाथ में है। उनकी दिनचर्या भी खासी व्यस्त है। सुबह उठने के बाद वह नमाज पढ़ते हैं। उसके बाद एक से दो घंटे पढ़ाई करते हैं। फिर सुबह 8 बजे वह अस्पताल जाते हैं। वहां लेक्चर अटेंड करते हैं। निर्धारित जिम्मेदारियों को पूरा करते हैं। शाम के बाद जो तीन से चार घंटे का वक्त मिलता है, उसमें पढ़ाई, शोध कार्य या कुछ और रुचि का करते हैं। खुद को तरोताजा रखने के लिए अहमद को यूट्यूब पर कामेडी वीडियोज देखना पसंद है। अपनी अभी तक की सफलता का श्रेय वह अपने माता-पिता को देते हैं।

सर्जरी के प्रति खास लगाव रखने वाले अहमद का सपना न्यूरो सर्जरी में नवाचार कर कुछ क्रांतिकारी परिवर्तन लाने का है। उन्हें लगता है कि न्यूरो में अभी काफी विकास होना शेष है। अपनी इंटर्नशिप के दौरान वह न्यूरो मरीजों को राहत पहुंचाने में मदद करते हैं, जिससे उन्हें बहुत खुशी मिलती है। 4 दिसंबर को ही वैवाहिक बंधन में बंधे अहमद की पत्नी भी एमबीबीएस के अंतिम वर्ष में हैं।

अहमद को कुल 13 पदक मिले हैं। इनमें चांसलर्स मेडल जो कि पहले, दूसरे और अंतिम प्रोफेशनल पार्ट-1 एवम पार्ट-2 परीक्षाओं में सबसे अधिक अंक की उपलब्धि पर मिला है। हीवेट गोल्ड मेडल फाइनल प्रोफेशनल एमबीबीएस पार्ट 2 परीक्षाओं में अधिकतम अंक प्राप्त करने के लिए मिला है। यूनिवर्सिटी आनर्स मेडल उन्हें सबसे ज्यादा आनर्स और सर्टिफेट्स प्राप्त करने के लिए प्राप्त हुआ है। सफलता के लिए उनका मंत्र यही है कि धैर्य रखिए और जल्दबाजी करने से बचिए।

संगीत से रखते हैं खुद को स्वस्थः दीक्षा समारोह में आकांक्षा सिंह को एमबीबीएस के फर्स्ट प्रोफेशनल एग्जाम, सेकंड प्रोफेशनल एग्जाम, फाइनल प्रोफेशनल एग्जाम के भाग-1 और भाग-2 में अनुसूचित जाति के छात्रों के बीच सर्वाधिक अंक प्राप्त करने के लिए गोल्ड मेडल मिला है। आकांक्षा अस्पताल में अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के साथ पूरे दिन में 6 से 7 घंटे पढ़ाई करती हैं। उन्हें संगीत और यूट्यूब वीडियोज पसंद हैं। वह कार्डियो थोरेसिक सर्जरी में महारत हासिल करना चाहती हैं। अपनी मां और नानी को सफलता का श्रेय देने वाली आकांक्षा किताबों से इतर अनुभव को भी तरजीह देती हैं। अपने जूनियर्स को उनकी यही सलाह है कि वे मरीजों से घुले-मिलें तो उन्हें काफी कुछ सीखने को मिलेगा।

नीलम को एमसीएच प्लास्टिक सर्जरी में उच्चतम प्रदर्शन के लिए बीआर अग्रवाल मेमोरियल गोल्ड मेडल मिला है। मूल रूप से उत्तराखंड के देहरादून की रहने वालीं नीलम अपने घर की पहली डाक्टर हैं। सुबह 8 बजे से पहले ही अस्पताल जाकर मरीजों को देखती हैं। फिर क्लास लेने के अलावा ओपीडी, सर्जरी और शाम को मरीजों को ऑपरेशन के लिए तैयार करने जैसे कार्यों में व्यस्त रहती हैं। इतनी व्यस्त दिनचर्चा में अपने लिए समय मिलना मुश्किल है, लेकिन जितना वक्त मिलता है वह अपने लिए, परिवार और दोस्तों से वीडियो चैट के लिए समय निकालती हैं। नीलम इसका श्रेय अपनी मां को देती हैं।

झारखंड के आशुतोष को डा ए कार गोल्ड मेडल स्थापना दिवस पर मिलेगा। पढ़ाई के नायाब तरीके के बारे में उनका कहना है कि वह एक बार में एक टापिक को पूरा करने पर ध्यान देते हैं। जूनियर्स को उनकी यही सलाह है कि अंकों की प्रतिस्पर्धा के बजाय अधिक से अधिक सीखने के लिए पढ़ा जाना चाहिए।

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