बच्चों में क्लब फुट समेत अन्य हड्डी रोगों के इलाज में मदद करेगा केजीएमयू का बाल अस्थि मित्र एप, जानिए इसकी खासियत

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के बाल हड्डी रोग चिकित्सा विभाग ने रविवार को बच्चों में क्लब फुट (जन्मजात टेंढ़े पैर) समेत अन्य हड्डी रोगों के इलाज में मदद करने वाला स्व विकसित बाल अस्थि मित्र एप लांच किया है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 07:58 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 07:31 AM (IST)
बच्चों में क्लब फुट समेत अन्य हड्डी रोगों के इलाज में मदद करेगा केजीएमयू का बाल अस्थि मित्र एप, जानिए इसकी खासियत
केजीएमयू की कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कहा नई तकनीक से सीधे हो सकते हैं जन्म से टेंढ़े पैर।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के बाल हड्डी रोग चिकित्सा विभाग ने रविवार को बच्चों में क्लब फुट (जन्मजात टेंढ़े पैर) समेत अन्य हड्डी रोगों के इलाज में मदद करने वाला स्व विकसित बाल अस्थि मित्र एप लांच किया है। बाल चिकित्सा हड्डी रोग विभाग के प्रमुख प्रो. अजय सिंह के अनुसार यह एप बाल चिकित्सा मस्कुलोस्केलेटल( हड्डी रोगों से जुड़ी) समस्याओं के बारे में जागरूकता फैलाने में सहायक होगा। इस दौरान जुटे विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि पोन्सेटी विधि से बच्चों के जन्मजात टेंढ़े पैर को ठीक किया जा सकता है। इस विधि में हड्डी रोग विशेषज्ञ द्वारा सीरियल करेक्टिव प्लास्टर कास्ट लगाया जाता है। इससे पैर पूरी तरह सीधे हो जाते हैं।

कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने इस प्रयास के लिए डाक्टरों की सराहना करते हुए ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही केजीएमयू में बाल चिकित्सा ट्रामा सेवाओं की स्थापना में सहयोग देने का वादा भी किया। केजीएमयू 1000 बच्चों का करेगा निश्शुल्क इलाज: केजीएमयू ने पोन्सेटी विधि से 1000 बच्चों में क्लब फुट का निश्शुल्क इलाज करने को नामांकन किया है। अब तक संस्थान में 5000 से अधिक प्लास्टर लगाए जा चुके हैं। यह बीमारी प्रति 1000 नवजात में से एक को प्रभावित करती है। देश में प्रतिवर्ष 35 हजार बच्चे क्लबफुट के साथ पैदा होते हैं। इसमें पैर नीचे और अंदर की ओर मुड़े होते हैं। समय पर उचित उपचार नहीं मिलने पर बच्चा आजीवन अपंग हो सकता है। यह कार्यशाला क्योर इंटरनेशनल इंडिया ट्रस्ट व बाल हड्डी रोग चिकित्सा विभाग, केजीएमयू और उत्तर प्रदेश ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन की ओर से शताब्दी अस्पताल में आयोजित की गई। कायर्क्रम में डॉ. वेद प्रकाश, जीएम, आरबीएसके उत्तर प्रदेश ने कहा कि इस बीमारी को राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम में शामिल करने की जरूरत है। एएमयू, के डॉ. मजहर अब्बास ने प्लास्टरिंग और टेनोटॉमी की तकनीकि का वर्णन किया।

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