Navratri 2020: अष्टमी हवन के साथ हुआ कन्या पूजन, मंदिरों में हुई मां महागौरी की आराधना

लखनऊ में नवरात्र के आठवें दिन शनिवार को मां महागौरी की पूजा अर्चना के साथ हवन-पूजन किया गया। मंदिरों में मां के महागौरी स्वरूप की आराधना की गई। कोरोना संक्रमण से बचने के उपाय के साथ श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 12:16 PM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 12:16 PM (IST)
Navratri 2020: अष्टमी हवन के साथ हुआ कन्या पूजन, मंदिरों में हुई मां महागौरी की आराधना
लखनऊ में शनिवार को अष्टमी के हवन के साथ जगह जगह हुई कन्या पूजन।

लखनऊ, जेएनएन। नवरात्र के आठवें दिन शनिवार को मां महागौरी की पूजा अर्चना के साथ हवन-पूजन किया गया। मंदिरों में मां के महागौरी स्वरूप की आराधना की गई। कोरोना संक्रमण से बचने के उपाय के साथ श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए। ठाकुरगंज स्थित मां पूर्वी देवी के मंदिर में भजनों का गुलदस्ता पेश किया गया तो शास्त्रीनगर दुगा मंदिर में विशेष श्रृंगार किया गया।

राजेंद्र नगर के महाकाल मंदिर में मां के महागौरी स्वरूप में महाकाल का श्रृंगार किया गया। चौक के बड़ी व छोटी काली जी मंदिर के साथ ही संकटा देवी मंदिर और शास्त्री नगर के दुर्गा मंदिर में भी श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। संदोहन देवी मंदिर, आनंदी माता मंदिर व संतोषी माता मंदिर समेत राजधानी के सभी मंदिरों में पूजा अर्चना की गई। बख्शी का तालाब के चंद्रिका देवी मंदिर व 51 शक्तिपीठ मेें सुबह विशेष पूजन के साथ मां महागौरी की पूजा और कन्या पूजन किया गया।

सुबह 11:27 बजे तक अष्टमी और इसके बाद नवमी शुरू होने से श्रद्धालुओं ने घरों में हवन पूजन कर कन्या पूजन किया। श्रीराम कृष्ण मठ में स्वामी मुक्तिनाथानंद ने गोद में उठाकर कन्या पूजन किया। 25 अक्टूबर को 11:14 बजे तक नमवी रहेगी। ऐसे में पूरे नवरात्र व्रत रखने वाले इससे पहले व्रत का पारण कर सकते हैं। इसके बाद से दशमी का मान शुरू हो जाएगा। हरा भी होगा। आचार्य अनुज पांडेय ने बताया कि अष्टमी युक्त नवमी विशेष शुभकारी भी है। कन्या पूजन श्रेयस्कर होता है। ऐसा माना जाता है कि मां इन कन्याओं के माध्यम से ही अपना पूजन स्वीकार करती हैं। काेरोना संक्रमण के चलते श्रद्धालु कन्याओं को भोजन के बजाय अनाथ अाश्रम, कुष्ठ आश्रम व वृद्धाश्रमों में दान भी करते नजर आए। कुछ श्रद्धालुओं ने गाय को संकल्पित कन्या के अनुरूप भोजन कराया। आशियाना की पूजा मेहरोत्रा कुष्ठ आश्रम में दान किया तो अंजू रघुवंशाी ने मलिन बस्ती जाकर सूखा अनाज दान किया। कन्या पूजन के बाद ही व्रत पूरा होता है।

विजयादशमी का विजय मुहुर्त

आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि आश्विन शुक्ल दशमी को विजयादशमी या दशहरे के रूप में पर्व मनाया जाता है। श्री राम ने इस दिन लंका पर विजय प्राप्त की थी तो मां दुर्गा का महिषासुरमर्दिनी अवतार इसी दिन हुआ था। बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक पर्व 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दशमी तिथि का मान 25 अक्टूबर को दिन 11ः14 से 26 अक्टूबर को दिन 11ः33 तक है और विजय मुहूर्त 25 अक्टूबर को दोपहर 1ः43 से दोपहर 2ः28 तक है। दूसरा मुहूर्त दाेपहर 12ः58 से 3ः13 तक है।

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