यूपी में हादसों में जान गंवाने वालों में सबसे ज्यादा कानपुर के, जानिए अन्य जिलों की क्या है स्थिति
दूसरे स्थान पर प्रयागराज तीसरा आगरा चौथा अलीगढ़ पांचवें नंबर पर बुलंदशहर। प्रदेश के जो ब्लैक स्पॉट हैं उनमें करीब 38 प्रतिशत से अधिक इन्हीं 15 जिलों से हैं। इन सभी जिलों में साल 2020 में मौत का आंकड़ा 34.4 फीसद रहा है।
लखनऊ, [नीरज मिश्र]: प्रदेश की राजधानी लखनऊ, कानपुर समेत प्रदेश के 15 ऐसे जिले हैं जो टॉप-15 की सूची में पिछले चार साल से लगातार अपना स्थान बनाए हुए हैं। तमाम जागरूकता कार्यक्रम के बाद भी यह सूची से बाहर नहीं हो पाए हैं। इनमें दस ऐसे जिले हैं जो हादसों और मौतों के लिए कुख्यात हैं। गौर करने की बात यह है कि प्रदेश के जो ब्लैक स्पॉट हैं उनमें करीब 38 प्रतिशत से अधिक इन्हीं 15 जिलों से हैं। इन सभी जिलों में साल 2020 में मौत का आंकड़ा 34.4 फीसद रहा है। सोचने की बात यह है कि करीब सात साल से चल रही सुधार की गतिविधियों का असर इन जिलों में नहीं दिख रहा है। चाहे वह ब्लैक स्पाॅट हों या फिर तिराहे और कट अथवा ट्रैफिक के मर्जिंग प्वाइंट वाले स्थान हों। हालातों में ज्यादा अंतर नहीं दिख रहा है। 563 मौतों के साथ कानपुर नगर टाॅप पर और लखनऊ 483 मौतों के साथ छठे स्थान पर है। दूसरे नंबर पर प्रयागराज, तीसरे पर आगरा है।
वर्ष 2020 में मौतों में टॉप जिले जिले- मौतों की संख्या
कानपुर नगर -563 प्रयागराज - 517 आगरा - 514 अलीगढ़ - 506 बुलंदशहर - 501 लखनऊ - 483 हरदोई - 455 मथुरा - 441 उन्नाव - 408 सीतापुर - 385 गोरखपुर - 367 बाराबंकी - 367 फतेहपुर - 366 कुशीनगर - 359 गौतमबुद्धनगर - 352
नोट : सूबे में 34.4 प्रतिशत मौत इन्हीं टॉप-15 जिलों से है।
इनमें 6984 मौतें बीते कैलेंडर वर्ष में हुई हैं। सर्वाधिक हादसे और मौत वाले जिलों में कमी लाने के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। इसमें सड़क निर्माण से जुड़ी एजेंसियों को ब्लैक स्पॉट दुरुस्त करने, परिवहन, पुलिस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज विभाग को एक साथ काम करने के लिए दायित्व तय किए गए हैं। इस साल कोशिश होगी कि इनमें से टॉप-15 जिलों में हादसों और मौतों की संख्या में हर हाल में कमी लाई जाए। - पुष्पसेन सत्यार्थी, उप परिवहन आयुक्त