अजब-गजब: रोजगार देने वाला सेल ही बेरोजगार, लखनऊ समेत प्रदेश में एक करोड़ में खुले थे 10 सेंटर

लखनऊ समेत प्रदेश के 10 राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों में करीब एक करोड़ की लागत से खुला है ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल। देखरेख की जिम्मेदारी केंद्रीय प्लेसमेंट सेल को दी गई। सेल का कार्यालय भी खुलता है लेकिन कर्मचारी नहीं नजर आता।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sun, 04 Apr 2021 03:15 PM (IST) Updated:Sun, 04 Apr 2021 03:15 PM (IST)
अजब-गजब: रोजगार देने वाला सेल ही बेरोजगार, लखनऊ समेत प्रदेश में एक करोड़ में खुले थे 10 सेंटर
प्रदेश के 10 राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों में करीब एक करोड़ की लागत से खुला है 'ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल'।

लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। अंतिम वर्ष की परीक्षा में शामिल पॉलीटेक्निक विद्यार्थियों का कैंपस चयन कर नौकरी देने की जिम्मेदारी निभाने वाला केंद्रीय प्लेसमेंट सेल खुद बेरोजगार है। कर्मचारी तो छोड़ि‍ए प्रभारी भी सेल में नहीं है। लखनऊ समेत प्रदेश के 10 राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों में प्लेसमेंट सेल करीब एक करोड़ की लागत से खुला है और उनकी देखरेख की जिम्मेदारी केंद्रीय प्लेसमेंट सेल को दी गई है। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के प्रभारी सचिव सुनील चौधरी का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते यह दिक्कत है। शीघ्र ही नियुक्ति कर दी जाएगी। केंद्रीय प्लेसमेंट सेल को नए कलेवर में लाने की तैयारी की जा रही है।

प्लेसमेंट सेल की ओर से कंपनियों को बुलाकर कैम्पस सेलेक्शन कराया जाता है। अभी तक संस्थानों को नौकरी के लिए कंपनियों पर निर्भर रहना पड़ता था। प्लेसमेंट सेल की जिम्मेदारी है कि वह कंपनियों को आमंत्रित करे और मांग के अनुरूप छात्रों को नौकरी दिलाए, लेकिन वह खुद ही बेरोजगार है। लखनऊ के साथ ही गाजियाबाद, मुरादाबाद, मेरठ, वाराणसी, बरेली, मिर्जापुर, वाराणसी, रायबरेली व इलाहाबाद में 'ट्रेंनिंग एवं प्लेसमेंट सेल' खोले गए हैं। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद कार्यालय में स्थापित सेल का कार्यालय भी खुलता है, लेकिन कर्मचारी नहीं नजर आता।

दो लाख छात्रों को रहता है इंतजार: इस व्यवस्था से तीन साल कर डिप्लोमा करने वाले दो लाख से अधिक विद्यार्थियों को हर वर्ष फायदा होगा। प्लेसमेंट सेल आसपास की संस्थानों के विद्यार्थियों को भी कैंपस सेलेक्शन के लिए लाने का कार्य है। अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा से पहले कैंपस सेलेक्शन का प्रावधान है। सूबे में 150 सरकारी, 19 सहायता प्राप्त और 1129 निजी संस्थाओं में विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं।

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