शहरी और ग्रामीण दो हिस्सों में बंट गया जल निगम, यूपी सरकार ने जारी किया विभाजन का आदेश

प्रदेश सरकार ने जल निगम को नगरीय और ग्रामीण दो हिस्सों में बांटने का आदेश जारी कर दिया। जल निगम (नगरीय) के अधीन चार क्षेत्रीय कार्यालय होंगे वहीं जल निगम (ग्रामीण) के क्षेत्राधिकार में तीन क्षेत्रीय कार्यालय रहेंगे। मंडल व खंड कार्यालयों का भी विभाजन कर दिया गया है।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 03:15 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 03:15 PM (IST)
शहरी और ग्रामीण दो हिस्सों में बंट गया जल निगम, यूपी सरकार ने जारी किया विभाजन का आदेश
नगर निकायों में प्रतिनियुक्ति के आधार पर 1,238 कर्मचारियों के समायोजन के आदेश बाद में जारी किए जाएंगे।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। प्रदेश सरकार ने जल निगम को नगरीय और ग्रामीण दो हिस्सों में बांटने का आदेश जारी कर दिया। जल निगम (नगरीय) के अधीन चार क्षेत्रीय कार्यालय होंगे, वहीं जल निगम (ग्रामीण) के क्षेत्राधिकार में तीन क्षेत्रीय कार्यालय रहेंगे। साथ ही मंडल व खंड कार्यालयों का भी विभाजन कर दिया गया है। अपर मुख्य नगर सचिव डा. रजनीश दूबे ने इसके आदेश जारी कर दिए। वहीं, नगर निकायों में प्रतिनियुक्ति के आधार पर 1,238 कर्मचारियों के समायोजन के आदेश बाद में जारी किए जाएंगे। 

आदेश के मुताबिक जल निगम (नगरीय) के क्षेत्राधिकार में लखनऊ, प्रयागराज, गाजियाबाद व आगरा क्षेत्रीय कार्यालय होंगे, जबकि जल निगम (ग्रामीण) के अंतर्गत कानपुर, वाराणसी व गोरखपुर में क्षेत्रीय कार्यालय होंगे। इन सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के प्रभारी मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारी होंगे। इसी प्रकार सिविल कार्यों के लिए भी अलग-अलग मंडल स्तरीय कार्यालय होंगे। जल निगम (नगरीय) क्षेत्र में सिविल कार्य के लिए 14 और ग्रामीण क्षेत्र में 13 मंडलीय कार्यालय होंगे। विद्युत एंव यांत्रिक कार्यों के लिए दोनों के क्षेत्राधिकार में चार-चार मंडलीय कार्यालय होंगे। इसी प्रकार खंड स्तर पर भी सिविल कार्यों के लिए नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र में 56-56 खंड कार्यालय होंगे।

विद्युत एवं यांत्रिक कार्यों के लिए नगरीय क्षेत्र में 12 और ग्रामीण क्षेत्र में 13 खंड कार्यालय होंगे। इसके अलावा मुख्यालय स्तर पर बैठने वाले अधिकारियों का आवंटन भी कर दिया गया है। दोनों श्रेणी के मुख्यालय स्तर पर समूह 'क' के कुल 57 पद होंगे। जिनमें नगरीय में 29 और ग्रामीण मुख्यालय में 28 पद होंगे। इनमें मुख्य अभियंता स्तर-1 व स्तर-2 के अलावा मुख्य अभियंता (विद्युत एवं यांत्रिक), अधीक्षण अभियंता (सिविल), अधीक्षण अभियंता (विद्युत एवं यांत्रिक), प्रबंधक (भूजल), वरिष्ठ हाइड्रोजियोलाजिस्ट, वरिष्ठ जियोफिजिस्ट, अधिशासी अभियंता (सिविल, विद्युत एवं यांत्रिक), शोध अधिकारी, मुख्य लेखाधिकारी व वरिष्ठ लेखाधिकारी के पद शामिल हैं।

मुख्यालय पर समूह 'ख' के 48 पद होंगे। इनमें सहायक अभियंता (सिविल), सहायक अभियंता (विद्युत एवं यांत्रिक), सहायक शोध अधिकारी, सहायक हाइड्रोजियोलाजिस्ट, सहायक जियोफिजिस्ट व लेखाधिकारी के पद शामिल हैं। इसी प्रकार समूह 'ग' (तकनीकी) के भी कुल 66 पद होंगे। जिसमें जूनियर इंजीनियर (विद्युत एवं यांत्रिक). संगणक, मुख्य मानचित्रक, मानचित्रक और कंसोल आपरेटर के पद शामिल हैं। समूह 'ग' के (गैरतकनीकी) संवर्ग के कुल 429 और समूह 'घ' के 749 पद रहेंगे।

कुछ खंडों के बारे में बाद में होगा निर्णयः निर्माण खंड आगरा, द्वादश खंड मथुरा, संत रविदास नगर, अतिरिक्त प्रकल्प खंड गाजियाबाद और निर्माण इकाई गोरखपुर के लिए कर्मियों के संबंध में निर्णय अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर बाद में किया जाएगा। इस सिमिति में अपर मुख्य सचिव नगर विकास, वित्त व कार्मिक के अलावा प्रमुख सचिव नमामि गंगे व न्याय और जल निगम नगरीय व ग्रामीण के प्रबंध निदेशक को सदस्य बनाया गया है।

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